इंद्रलोक मेट्रो स्टेशन पर ट्रेन के दरवाजे में साड़ी फंसने से रीना नाम की महिला की मौत के मामले डीएमआरसी ने मुआवजा देने का एलान कर दिया है। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने कहा कि महिला यात्री के परिजनों को 15 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने कहा कि दिल्ली मेट्रो महिला यात्री के परिजनों को 15 लाख रुपये का मुआवजा देने जा रही है। जिनकी पिछले सप्ताह दिल्ली मेट्रो नेटवर्क की रेड लाइन पर इंद्रलोक मेट्रो स्टेशन पर एक हादसे में मौत हो गई थी।
मेट्रो रेलवे (दावे की प्रक्रिया) नियम, 2017 के मुताबिक, मृतक के परिजनों को पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। इसके अलावा, मृतक के बच्चों को मानवीय सहायता के रूप में 10 लाख रुपये की अतिरिक्त राशि दी जाएगी। दोनों बच्चे नाबालिग हैं, इसलिए डीएमआरसी वर्तमान में कानूनी उत्तराधिकारी को राशि सौंपने के कानूनी तौर-तरीकों को सुलझाने में लगा हुआ है। इसके अलावा डीएमआरसी दोनों बच्चों की पढ़ाई का भी ख्याल रखेगी।
डीएमआरसी ने आगे कहा कि सभी आवश्यकताओं को शीघ्रता से पूरा करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम को तैनात किया गया है। माननीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने यह भी निर्देश दिया है कि बच्चों की देखभाल और शिक्षा दिल्ली मेट्रो प्रबंधन द्वारा सुनिश्चित की जाए। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह ने दिल्ली मेट्रो में हुई घटना पर दुख जाता है।
ऐसे हुई थी घटना
पूरा वाकया बृहस्पतिवार दोपहर करीब एक बजे का है। जब इंद्रलोक मेट्रो स्टेशन पर बृहस्पतिवार दोपहर एक महिला की साड़ी मेट्रो के गेट में फंस गई। इसी दौरान ट्रेन आगे चल पड़ी। इससे महिला काफी दूर तक प्लेटफार्म पर घिसटती रही। इसे देखकर यात्री चिल्लाते रहे, लेकिन मेट्रो नहीं रूकी। प्लेटफार्म के अंतिम छोर पर लगे गेट से टकराने से महिला ट्रैक पर जा गिरी। इससे महिला के सिर में गंभीर चोट आई है। जिसे अस्पताल में भर्ती किया गया।
काफी दूर तक घिसटती चली गई
महिला के बेटे ने बताया कि मेट्रो के दरवाजे में साड़ी फंसने के चलते उसकी मां रीना प्लेटफार्म पर कई मीटर घिसटती रही, लेकिन ट्रेन नहीं रुकी। बताया जा रहा है। इंद्रलोक मेट्रो स्टेशन पर भीड़ थी। ऐसे में महिला ट्रेन के पीछे वाली बोगी में बैठने के लिए गई। ताकि वहां पर सीट मिल सके। वह अंदर तो दाखिल हो गई। इसके बाद वह बेटे को देखने के लिए बाहर निकली तो उनकी साड़ी गेट में फंस गई। इस बीच कोच का दरवाजा बंद हो गया।