भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच जोहानिसबर्ग में तीन मैचों की वनडे सीरीज का पहला मुकाबला खेला जा रहा है। न्यू वांडरर्स स्टेडियम में खेले जा रहे इस मैच में दक्षिण अफ्रीकी टीम के खिलाड़ियों ने पारंपरिक ग्रीन जर्सी की जगह गुलाबी रंग की जर्सी में मैदान पर उतरे, लेकिन क्या आप जानते हैं उन्होंने ऐसा क्यों किया? हम आपको बताते हैं। यह दक्षिण अफ्रीका में पिंक डे वनडे ट्रेडिशन का हिस्सा रहा है। खिलाड़ी स्तन कैंसर के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए यह जर्सी पहनते हैं।
क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका ने अपने देश के लोगों को इस पहल में आगे बढ़ कर हिस्सा लेने के लिए कहा है। उन्होंने सभी लोगों से इस मैच के लिए गुलाबी कपड़ों में आने की अपील की थी। साथ ही इस मैच से मिलने वाली राशि को भी स्तन कैंसर पीड़ितों के इलाज के लिए भेजा जाएगा। इस परंपरा के बारे में बात करते हुए क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका के सीईओ फोलेत्सी मोसेकी ने कहा कि क्रिकेट फैंस के मन में स्तन कैंसर के प्रति जागरुकता फैलाने को लेकर वह काफी उत्सुक हैं।
फोलेत्सी ने कहा- स्तन कैंसर के खिलाफ लड़ाई में सिर्फ जागरुकता फैलाना ही काफी नहीं है। हम लोगों को प्रोत्साहित करना चाहते हैं कि वह और सक्रिय हो और खुद की जांच करवाने के लिए अस्पताल का रुख करें। दक्षिण अफ्रीका में महिलाओं में स्तन कैंसर आम बात है। पुरुष भी इससे पीड़ित हो सकते हैं। समय पर इसका पता चल जाए तो इलाज संभव है और सकारात्मक नतीजे आ सकते हैं।
दक्षिण अफ्रीका का पिंक वनडे में रिकॉर्ड
दक्षिण अफ्रीका ने भारत के खिलाफ वनडे से पहले तक पिंक जर्सी में 11 वनडे खेले हैं। इनमें से टीम ने नौ वनडे जीते हैं। 2015 में पिंक वनडे मैच के दौरान दक्षिण अफ्रीका के कप्तान रहे एबी डिविलियर्स ने इतिहास रचा था। उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ सिर्फ 31 गेंद में शतक जड़ा था। ऑस्ट्रेलिया में स्तन कैंसर के प्रति जागरुकता को लेकर कंगारू टीम गुलाबी जर्सी में टेस्ट मैच खेलती है।