सुप्रीम कोर्ट की ओर से मुस्लिम पक्ष को तगड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद में सर्वे कराए जाने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा कि हम हाईकोर्ट के आदेश पर रोक नहीं लगाएंगे. यहां सिर्फ हाईकोर्ट द्वारा सारे मामले अपने पास ट्रांसफर का मामला लंबित है. कानून के मुताबिक नए आदेश के लिए नई याचिका दाखिल करनी होगी. सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले की 9 जनवरी को सुनवाई करेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि हमारे यहां सिर्फ ट्रांसफर का मामला है. ऐसे में हाईकोर्ट द्वारा अगर कोई आदेश दिया जाता है तो उसे पक्षकार द्वारा नए सिरे से यहां चुनौती दी जानी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट अब 9 जनवरी को सुनवाई करेगा. लेकिन अगर कोई पक्ष चाहे तो पक्षकार मेंशनकरसकतेहैं.
एक दिन पहले HC ने सुनाया था फैसला
सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष के वकील हुजैफा अहमदी ने कहा कि हमने पिछली सुनवाई में आशंका जताई थी. वही हुआ. इस पर कोर्ट ने कहा कि हम हाईकोर्ट के आदेश पर रोक नहीं लगाएंगे.हालांकि वकील हुजैफा ने आगे कहा कि हाईकोर्ट 18 दिसंबर को सर्वे को लेकर अपना आदेश देने वाला है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की छुट्टियां हैं और कोई वैकेशन बेंच भी नहीं है.
इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कल गुरुवार को मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद मामले पर बड़ा फैसला सुनाते हुए सर्वे कराने की मंजूरी दे दी. हाईकोर्ट में एएसआई सर्वे कराए जाने की मांग को लेकर याचिका दायर की गई थी. यहां पर श्रीकृष्ण जन्मभूमि से सटी मस्जिद में सर्वे कराने की मांग की गई थी. इसको लेकर अलग-अलग 18 याचिकाएं डाली गई थीं.
18 दिसंबर को सर्वे को लेकर सुनाएगा फैसला
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा मस्जिद में सर्वे कराए जाने की मंजूरी के साथ ही यह भी आदेश दिया कि साफ फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कराई जाए. हालांकि, वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे से यह थोड़ा अलग सर्वे होगा. ज्ञानवापी में कोर्ट ने साइंटिफिक सर्वे कराया था.
मथुरा शाही मस्जिद के सर्वे के लिए एडवोकेट कमिश्नर कौन होगा? और इस सर्वे के लिए कितने दिनों का वक्त मिलेगा? इस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में अगले हफ्ते (18 दिसंबर) सुनवाई होगी. मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद विवाद से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस मयंक कुमार जैन ने पिछले महीने 16 नवंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.