गौतम अडानी समूह अगले तीन महीनों में अडानी विल्मर में अपनी हिस्सेदारी बेचने पर फैसला करेगा। हाल ही में समूह के मुख्य वित्तीय अधिकारी जुगेशिंदर सिंह ने कहा कि हम फिलहाल विचार कर रहे हैं कि विल्मर की हिस्सेदारी बरकरार रखी जाए या बेच दी जाए। बता दें कि अडानी विल्मर, सिंगापुर स्थित विल्मर इंटरनेशनल का ज्वाइंट वेंचर है।
इससे पहले अगस्त में रिपोर्ट दी थी कि अडानी समूह कंपनी में 44% हिस्सेदारी की बिक्री पर विचार कर रहा है। ऐसा कहा जा रहा था कि समूह अडानी विल्मर में अल्पमत हिस्सेदारी रख सकता है। बता दें कि अडानी विल्मर लगातार घाटे में है।
कैसे रहे तिमाही नतीजे
चालू वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी (जुलाई-सितंबर) तिमाही में अडानी विल्मर को 130.73 करोड़ रुपये का घाटा हुआ। आय से अधिक खर्च होने से उसको यह घाटा हुआ। हालांकि, कंपनी का पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में प्रॉफिट 48.76 करोड़ रुपये रहा था। अडानी विल्मर ने बताया कि जुलाई-सितंबर अवधि में उसकी कुल आय भी घटकर 12,331.20 करोड़ रुपये हो गई, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 14,209.20 करोड़ रुपये थी। वहीं, कंपनी का कुल खर्च 12,439.45 करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले समान अवधि में 14,149.62 करोड़ रुपये था।
बिकवाली मोड में शेयर
बीत शुक्रवार को अडानी विल्मर के शेयर की कीमत बिकवाली के साथ 340.45 रुपये थी। पिछले दिसंबर महीने में यह शेयर 668 रुपये के 52 वीक हाई तक पहुंचा था। 20 नवंबर 2023 को शेयर ने 285.85 रुपये के 52 वीक लो को टच किया था। बता दें कि अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की 24 जनवरी की रिपोर्ट के बाद अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट आई। रिपोर्ट के बाद ग्रुप का मार्केट कैपिटल लगभग 147 बिलियन डॉलर कम हो गया। हालांकि, बीते कुछ महीनों के पैटर्न को देखें तो ग्रुप के शेयर रिकवरी के ट्रैक पर लौटने लगे हैं।