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युद्धविराम खत्म होने के बाद फिर शुरू हुए हमले, इस्राइल की चुनौती बढ़ी

इस्राइल और हमास के बीच जारी युद्धविराम शुक्रवार को खत्म हो गया, जिसके बाद से दोनों तरफ से फिर से हमले शुरू हो गए हैं। इस्राइल की तरफ से दक्षिणी गाजा में खान यूनिस शहर में मिसाइल मिसाइल हमले हुए। वहीं गाजा के उत्तर पश्चिम में भी एक घर पर एयरस्ट्राइक हुई। वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस्राइल में भी हमास की तरफ से मिसाइल हमले हुए हैं। इस्राइली सेना का कहना है कि शुक्रवार सुबह सात बजे युद्धविराम समाप्त हुआ और उसके आधे घंटे बाद ही हमास की तरफ से हमला किया गया। वहीं हमास का भी दावा है कि इस्राइल की तरफ से हमले की शुरुआत की गई।

एक हफ्ते तक चला युद्धविराम
बता दें कि इस्राइल और हमास के बीच बीती 24 नवंबर को युद्धविराम हुआ था। करीब एक हफ्ते तक चले इस युद्धविराम के तहत हमास ने इस्राइल के 100 बंधकों को रिहा किया। वहीं इस्राइल ने बदले में वहां की जेलों में बंद 240 फलस्तीनियों को रिहा किया। दोनों तरफ से रिहा किए गए लोगों में अधिकतर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। हमास के कब्जे में अभी भी 140 इस्राइली बंधक मौजूद हैं। अब बाकी बचे बंधकों में अधिकतर इस्राइली सैनिक हैं और इनकी रिहाई के बदले में हमास इस्राइल से बड़ी कीमत मांग सकता है।

इस्राइल की बढ़ी चुनौती
कतर और मिस्त्र की मध्यस्थता में हुए युद्धविराम को बढ़ाने की कोशिशें हुईं लेकिन सफलता नहीं मिली। वहीं इस्राइल ने साफ कर दिया है कि युद्धविराम के बाद वह पूरी ताकत से हमास पर हमला करेंगे और तब तक नहीं रुकेंगे जब तक हमास का खात्मा नहीं हो जाता। साथ ही इस्राइल पर अब दबाव भी है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने गुरुवार को इस्राइल का दौरा किया, जिसमें ब्लिंकन ने इस्राइल से कहा है कि अब उसके गाजा में ऑपरेशन में अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों का पालन होना चाहिए। अमेरिका ने कहा है कि जिस तरह से उत्तरी गाजा में बड़े पैमाने पर लोगों का पलायन हुआ, वैसा दक्षिणी गाजा में नहीं होना चाहिए। गाजा की अधिकतर जनसंख्या फिलहाल दक्षिण में मौजूद है और यहां से निकासी का रास्ता भी नहीं है। ऐसे में अगर इस्राइल यहां हमास के ठिकानों पर हमला करता है तो उसमें बड़ी संख्या में आम नागरिकों की मौत होने की प्रबल आशंका है। इस्राइली हमलों में अगर आम नागरिकों की मौतें हुई तो इससे इस्राइल पर दबाव बढ़ेगा। वहीं हमास को फिर से बातचीत की टेबल पर लाकर और बाकी बंधकों की रिहाई भी इस्राइल के लिए बड़ी चुनौती है।