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संयुक्त राष्ट्र के नेताओं ने की भारत की सराहना, कहा- IUNDPF दिल्ली के वसुधैव कुटुंबकम को कर रहा साकार

संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के शीर्ष नेताओं और दूतों ने वैश्विक चुनौतियों से निपटने और दक्षिण-दक्षिण सहयोग की शक्ति को दर्शाने के लिए भारत के नेतृत्व की सराहना की। इसके अलावा उन्होंने देश की जी-20 अध्यक्षता पर प्रकाश डाला तथा भारत और संयुक्त राष्ट्र के बीच स्थायी साझेदारी को वैश्विक दक्षिण के भीतर एक मार्गदर्शक करार दिया।

विश्व एक परिवार…
यूएन की उप महासचिव अमीना मोहम्मद ने कहा कि भारत-संयुक्त राष्ट्र विकास कोष (आईयूएनडीपीएफ) जिसने 54 देशों में 76 परियोजनाओं को वित्तपोषित किया है, नई दिल्ली के वसुधैव कुटुंबकम (विश्व एक परिवार है) के दर्शन को साकार करता रहा है और दक्षिण-दक्षिण सहयोग की शक्ति को दर्शाता है।

जी-20 की कमान ब्राजील को सौंपने के लिए तैयार
संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आईयूएनडीपीएफ के छठे वर्ष के उपलक्ष्य में बुधवार को एक कार्यक्रम हुआ। इस दौरान मोहम्मद ने कहा कि भारत लंबे समय से दक्षिण-दक्षिण सहयोग और संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की वैश्विक खोज का चैंपियन रहा है। भारत ने पिछले साल दिसंबर में एक साल तक चलने वाले जी-20 की अध्यक्षता संभाली थी और अब वह ब्राजील को इसकी कमान सौंपने के लिए तैयार है।

संयुक्त राष्ट्र विकासशील देशों के साथ मिलकर काम करें
उन्होंने कहा, यह उन उल्लेखनीय उपलब्धियों को दिखाता है, जो संयुक्त राष्ट्र के देश विकासशील देशों के साथ मिलकर काम करके हासिल कर सकते हैं। आईयूएनडीपीएफ हमारे समुदायों के सबसे कमजोर लोगों में सकारात्मक बदलाव लाते हुए महत्वपूर्ण मील के पत्थर तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि हैती में स्वच्छ जल और कृषि सिंचाई में सुधार के लिए सौर जल पंपिंग प्रणाली स्थापित की गई है। वहीं, मोल्दोवा में इसने राष्ट्रीय सांख्यिकीय प्रणालियों को मजबूत किया और जिम्बाब्वे में इसने छोटे किसानों को सूखा प्रतिरोधी बीज, तकनीकी प्रशिक्षण और फसल के बाद सहायता प्रदान की।

हमारा राष्ट्र एक आवाज के रूप में उभरा
भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि भारत वैश्विक दक्षिण के लिए नेतृत्व और वकालत के स्तंभ के रूप में खड़ा है। बदलती वैश्विक गतिशीलता की दुनिया में, हमारा राष्ट्र न केवल एक आवाज के रूप में उभरा है, बल्कि विकासशील देशों की आशाओं और चुनौतियों के प्रतिनिधि के रूप में आशा और समर्थन के वैश्विक प्रतीक के रूप में उभर रहा है। किसी को भी पीछे न छोड़ने के लोकाचार के प्रति हमारी प्रतिबद्धता केवल बयानबाजी नहीं है, बल्कि एक प्रदर्शित वास्तविकता है।

78 देशों तक फैली हुई है
आईयूएनडीपीएफ से आगे काम करते हुए, कंबोज ने कहा कि पिछले दशक में भारत की विकास साझेदारी 600 परियोजनाओं के साथ 78 देशों तक फैली हुई है।