सरकार देश भर में सभी भवन और निर्माण श्रमिकों के लिए एक विशिष्ट पहचान पत्र अनिवार्य अनिवार्य करने वाली। इसके जरिये प्रवासी श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित की जाएगी। इस विशिष्ट पहचान पत्र को आधार और ई-श्रम डेटाबेस से भी जोड़ा जाएगा ताकि श्रमिकों को आसानी से सरकार के विभिन्न पहलों का लाभ मुहैया कराया जा सके।
श्रम सचिव आरती आहूजा ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कोई आज दिल्ली में है या कल मुंबई में श्रमिक परिवार के अधिकार सुलभ होने चाहिए। वरिष्ठ अधिकारी ने राष्ट्रीय राजधानी में अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) के समर्थन से अखिल भारतीय नियोक्ता संगठन (एआईओई) और फिक्की द्वारा आयोजित ‘द माइग्रेशन कॉन्क्लेव’ को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की।