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जो गलती कल्याण सिंह ने अयोध्या में की थी, वही गलती खट्टर ने की जो लाखो लोगो को होने दिया इकट्ठा

लखनऊ। जो गलती तब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने की थी वही गलती अब हरियाणा के मुख्यमंत्री खट्टर कर बैठे है. 1992 में कल्याण सिंह की सरकार ने भी लाठी डंडों के साथ लाखों कार सेवकों को इकट्ठा होने दिया था. जब भारी तादाद में कार सेवक अयोध्या में इकट्ठा हो गये थे. तब तैनात अर्ध सैनिक बल भी कुछ कर नही पाया था.

कुछ ऐसी ही भीड़ हरियाणा के पंचकुला में हुई है जिसे सरकार समय रहते रोक नही पाई. धीरे-धीरे भीड़ इकट्ठा होती रही और हरियाणा की पुलिस हाथ पर हाथ रखे बैठी रही. चार दिन पहले जब खुफिया रिपोर्ट आई तो चंडीगढ़ से लेकर दिल्ली तक के कान खड़े हो गये. लेकिन जब तक भक्तों को खदेड़ने के आदेश दिये जाते तब तक देर हो चुकी थी.

लेकिन कल इस पूरे प्रकरण पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सरकार को जमकर लताड़ा है ओर कहा कि अगर अब आपने समय पर कानून व्यवस्था का बंदोवस्त नही किया और एक भी जान जाती है तो इसके लिए डीजीपी जिम्‍मेदार होंगे.

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सख्त लहजे में पूछा है कि क्यों न डीजीपी को डिसमिस कर दिया जाए. आखिर कैसे लाखों लोग पंचकूला पहुंचे. प्रदेश में धारा -144 लागू करने का क्या मतलब था. साथ ही आदेश दिया अगर जरूरत हो तो आर्मी को स्टैंड बाय रखा जाए.

चंडीगढ़, हरियाणा और पंजाब में पैरामिलिट्री फॉर्सेज की 167 कंपनिया तैनात हैं और 10 की और मांग की गई है. एक कंपनी में 100 जवान और अफसर हैं. हर कंपनी में करीब 35 गन और बाकी नॉन लीथल गन होती हैं. नॉन लीथल गन में डंडा, टियर गैस, मिट्टी वाला ग्रेनेड, वाटर कैनन जैसे हथियार आते हैं. चंडीगढ़ में 10 कंपनियां तैनात की गई हैं. इनमें 6 कंपनियां रैपिड एक्शन फोर्स की हैं.