इजराइली सेना का गाजा में जमीनी आक्रमण तेज हो गया है, लेकिन इससे उसके सैनिकों के हताहत होने की तादाद में भी तेजी से इजाफा हो रहा है. चौंकाने वाली बात यह है कि जिस बख्तरबंद वाहनों को इजराइली सेना सबसे भरोसेमंद मानकर गाजा में एंट्री कर रही थी, उनको भी हमास के लड़ाके आसानी से निशाना बना रहे हैं. बुधवार को इजराइली आर्मी के ‘टाइगर’ बख्तरबंद वाहन को कोर्नेट मिसाइल से गाजा शहर में निशाना बनाया गया, इसमें कई सैनिक हताहत हो गए. इजराइल की सेना इस बख्तरबंद वाहन के लिए लाखों डॉलर का भुगतान करती है और सुरक्षा के लिहाज से इनको काफी बेहतर माना जाता है. इजराइली सेना के तकनीकी और रसद विभाग ने सालों पहले इस बख्तरबंद वाहन को विकसित किया था और विभिन्न क्षेत्रों में नियमित सुरक्षा मिशनों को पूरा करने के लिए इसे ‘टाइगर’ नाम दिया था.
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हालांकि इस सैन्य वाहक को मूल रूप से ओशकोष द्वारा डिजाइन किया गया था, जो एक अमेरिकी कंपनी है और यह ट्रकों, सैन्य वाहनों, ट्रक बॉडी और क्रेन डिजाइन और निर्माण में इसे महारत हासिल है. इजराइली सेना ने रसद परिवहन में उपयोग के लिए उनमें से सैकड़ों बख्तरबंद वाहनों को सालों पहले खरीदा था.
टाइगर की क्या है खासियत?
इसका कुल वजन 10 टन है और इसे एक विशाल लड़ाकू विमान के बराबर माना जाता है. इसमें 12 से 14 सैनिक गद्देदार सीटों पर आराम से बैठ सकते हैं. सामने के केबिन में एक उन्नत एयर कंडीशनिंग और हीटिंग सिस्टम, बाहर देखने के लिए चौड़ी खिड़कियां, इसके साथ-साथ पत्थर के हमलों से बचने के लिए जालियां भी लगाई गई हैं.
आग की लपटों का भी नहीं असर
इसके अलावा तापमान को बनाए रखने और आग की लपटों को फैलने से रोकने के लिए वाहन में भीतर और बाहर थर्मल इन्सुलेशन के लिए विशेष प्रकार के केमिकल से पेंट किया जाता है. यही वजह है कि जब मोलोटोव कॉकटेल को वाहन पर फेंका जाता है, तो उस पर आग की लपटों का बिल्कुल भी प्रभाव नहीं पड़ेगा. वाहन में लगी सुरक्षात्मक प्लेटों को 7.62 मिमी और शायद .50 तक की मशीन गन जैसे छोटे हथियारों की गोलियों से बचाने के लिए भी डिजाइन किया गया है. अमेरिकी ‘आर्मी रिकग्निशन’ वेबसाइट के अनुसार, सुरक्षा कारणों से बख्तरबंद वाहन की गति लगभग 55-60 किमी प्रति घंटा है.