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NASA के हबल टेलीस्कोप ने ली महादानव तारों से भरी आकाशगंगा की नई तस्वीर, देखकर आप भी कहेंगे वाह!

NASA के हबल टेलीस्कोप ने सर्पिल भुजाओं वाली उस आकाशगंगा की तस्वीर ली है, जिसमें महादानव तारे भरे पड़े हैं, सेफियस तारामंडल से 78 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर इस आकाश गंगा को एनजीसी 6951 नाम दिया गया है.

यदि धरती से इसकी दूरी की बात करें तो यह तकरीबन 116 मिलियन प्रकाश वर्ष है. यह आकाश गंगा वैज्ञानिकों के लिए आकर्षण का केंद्र इसलिए है, क्योंकि सबसे अधिक तारे बनाने वाली इस आकाशगंगा में तकरीबन 300 मिलियन वर्ष तक एक भी तारा नहीं बना था. अब एक बार फिर ये सबसे बड़े तारों वाली आकाशगंगा है.

ब्रह्मांड की आकाशगंगाओं की खोज समय-समय पर अलग-अलग वैज्ञानिकों द्वारा की गई. अब नासा के हबल टेलीस्कोप ने जिस सर्पिल आकाशगंगा एनजीसी 6951 की तस्वीर है, उसकी खोज 1877 में फ्रांसीसी खगोलशास्त्री जेराम कॉगिया और अमेरिकी खगोलशास्त्री लुईस स्विफ्ट ने की थी.

आकाश गंगा में है महादानव तारे

एनजीसी 6951 में एक विशाल ब्लैक होल है, NASA के मुताबिक इस ब्लैक होल के आसपास तारे, गैस और धूल के घेरे हैं, खास बात ये है कि ब्लैक होल के पास तारे नहीं बल्कि महादानव तारे हैं, जिनकी चौड़ाई तकरीबन 3700 प्रकाश वर्ष है. वैज्ञानिकों का अनुमान है कि आकाश गंगा की जो सर्पिल रेखाएं हैं वे धूल और गैसों का ही आयतन हैं. शायद इसीलिए इस आकाशगंगा को वैज्ञानिक सेफर्ट आकाशगंगा मानते हैं. यानी ऐसी आकाश गंगा जो सबसे ज्यादा गैसें उत्सर्जित करती है. यह आकाश गंगा तकरीबन 7500 प्रकाश वर्ष चौड़ी है जो उत्तरीय आकाशीय ध्रुव के करीब है. इसीलिए उत्तरी गोलार्ध से यह सबसे स्पष्ट दिखाई देती है.

25 साल में 6 बार सुपरनोवा

NASA की एक रिपोर्ट के मुताबिक एनजीसी 6951 के तारों में भयानक तारकीय विस्फोट हुए हैं. इन्हीं विस्फोटों को सुपरनोवा कहा जाता है, खगोलविद् पिछले 25 साल से इस आकाश गंगा में हुए छह सुपरनोवा का अध्ययन कर चुके हैं. इसके लिए वैज्ञानिक पूर्वज तारे, उसकी उम्र चमक और स्थिति से अंदाजा लगाते हैं.

नासा के हबल टेलीस्कोप की ओर से ली गई एनजीसी 612 की दुर्लभ तस्वीर फोटो- NASA

हाल ही में खींची थी दुर्लभ आकाश गंगा की तस्वीर

NASA के हबल टेलीस्कोप ने हाल ही में दुर्लभ आकाशगंगा एनजीसी 612 की तस्वीर ली थी. यह आकाशगंगा धरती से तकरीबन 400 प्रकाश वर्ष दूर है, वैज्ञानिकों के मुताबिक इस आकाशगंगा के तारे सबसे ज्यादा युदा हैं जो सिर्फ 40 से 100 मिलियन वर्ष पुराने हैं. नासा की एक रिपोर्ट के मुताबिक यह आकाश गंगा सर्पिल दिखती हैं, लेकिन इसकी भुजाएं सर्पिल नहीं हैं, यह ठंडी हाइड्रोजन गैस और धूल से बनी है. खास बात ये है कि ये आकाश गंगा अंडाकार न हो लेंटिकुलर है. वैज्ञानिकों के मुताबिक ब्रह्मांड में ऐसी सिर्फ 5 आकाशगंगाएं हैं.