हिंदू धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते है और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन शारदीय नवरात्रि बेहद ही खास मानी गई हैं जो कि मां दुर्गा की पूजा अर्चना को समर्पित होती है।
नवरात्रि नौ दिनों का पर्व होता है इसके हर दिन देवी मां दुर्गा के अलग अलग रूपों की साधना आराधना की जाती है। इस दौरान भक्त उपवास रखते हुए देवी साधना करते हैं माना जाता है कि नवरात्रि के दिनों में पूजा पाठ और व्रत करने से माता की कृपा प्राप्त होती है।
नवरात्रि में माता के नौ रूपों की पूजा का विधान है इसलिए इसे देवी साधना का महापर्व कहा जाता है। पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्रि हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से आरंभ होती है और नवमी तक चलती है।
फिर दशहरे के दिन दुर्गा प्रतिमा का विसज्रन किया जाता है। इस साल शारदीय नवरात्रि का त्योहार 15 अक्टूबर से शुरू हो रहा है और समापन 24 अक्टूबर को हो जाएगा। तो ऐसे में आ हम आपको अपने इस लेख द्वारा कलश स्थापना का मुहूर्त से अवगत करा रहे हैं, तो आइए जानते हैं।
शारदीय नवरात्रि पर घटस्थापना का समय-
शारदीय नवरात्रि पर कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त अभिजीत मुहूर्त होता है इसके अलावा चित्रा नक्षत्र में कलश की स्थापना करना भी उत्तम माना जाता है इस बार 14 अक्टूबर को चित्रा नक्षत्र शाम को 4 बजकर 24 मिनट से 15 अक्टूबर की शाम 6 बजकर 13 मिनट तक रहेगी। वही अभिजित मुहूर्त 15 अक्टूबर की सुबह 11 बजकर 4 मिनट से सुबह 11 बजकर 50 मिनट तक रहेगा। इन मुहूर्त में कलश की स्थापना करना शुभ माना जाता है।