‘पुलिस कमिश्नरेट कानपुर नगर’ के आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट से शनिवार (30 सितंबर) को जानकारी दी गई कि मोहम्मद फैसल नाम के एक शख्स को बीते दिन एक बच्चे से मारपीट के आरोप में हिरासत में लिया गया है।
आरोपी उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर के जाजमऊ उपनगर का रहने वाला है। पुलिस ने एक ट्वीट में कहा कि, ”जाजमऊ थाना क्षेत्र का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें एक व्यक्ति एक बच्चे को पीटता हुआ नजर आ रहा है।”
पुलिस ने आगे कहा कि, ”मामले का तत्काल संज्ञान लेते हुए थाना जाजमऊ पुलिस द्वारा आरोपी मोहम्मद फैसल पुत्र अशरफ निवासी जाजमऊ को हिरासत में ले लिया गया है। मामले में FIR दर्ज कर ली गई है और कानूनी कार्रवाई की जा रही है।” ट्वीट के साथ मोहम्मद फैसल की एक तस्वीर भी थी, जिसमें वह जेल की कोठरी में घुटनों के बल बैठे हाथ जोड़े हुए हैं। उल्लेखनीय है कि, शनिवार (30 सितंबर) को सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें आरोपी टोपी पहने एक लड़के के साथ मारपीट करता दिख रहा है। फैसल अपनी बाइक पर घटनास्थल पर आया और लड़के को थप्पड़ मारने के लिए आगे बढ़ा। इसके बाद वह बच्चे को बार-बार लातें मारते देखा गया। CCTV में कैद हुई घटना की फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो गई।
इसके फ़ौरन बाद, कुछ प्रोपेगेंडा फैलाने वालों ने पीड़ित लड़के के मुस्लिम धर्म की आड़ लेते हुए मामले को सांप्रदायिक रंग देना शुरू कर दिया, उन्होंने ये दिखाने का प्रयास किया कि, एक मुस्लिम बच्चे को हिन्दू ने बुरी तरह मारा। इस तथ्य के बावजूद कि पीड़ित और अपराधी दोनों एक ही समुदाय (मुस्लिम) से थे। फर्जी ख़बरें फैलाने वालों यह भी कहा कि आरोपी एक हिंदू था और यह घटना एक ‘घृणा अपराध’ (Hate Crime) थी। एक्स यूज़र ‘द मुस्लिम 786’ ने अपनी पोस्ट में लिखा कि, ‘मुस्लिम युवक को थप्पड़ मारे, लातों से पिटाई की, पुलिस की जीप बगल में खड़ी, पास में पुलिसकर्मी मौजूद।’ वहीं, तथाकथित ‘पत्रकार’ अली सोहराब, जो अक्सर सोशल मीडिया पर फर्जी खबरें फैलाते पकड़े गए हैं, भी पीड़ित के धर्म को उजागर कर ‘भारत में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार’ का नैरेटिव फ़ैलाने की कोशिश की। गौर करने वाली बात ये है कि, ये लोग पीड़ित को तो बाकायदा मुस्लिम बच्चा लिख रहे हैं, लेकिन आरोपी को ‘दबंग आदमी’ या ‘एक व्यक्ति’ लिख रहे हैं।