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56 इंच का सीना 60 इंच का हो गया…जब पीएम मोदी को मिली ये खबर…

नई दिल्ली। 8 नवंबर 2016 का दिन तो आपको याद होगा ही, वो दिन आखिर देश कैसे भूल सकता है। वो दिन जब नोटबंदी का ऐलान हुआ, वो दिन जब देश भर में 500 और 1000 के पुराने नोट बैन कर दिए, वो दिन जब देशभर में हड़कंप मच गया था। वो दिन था और आज का दिन है, देश लगातार आगे बढ़ता जा रहा है। अब सवाल ये उठता है कि आखिर देश को आगे बढ़ाने का काम कौन कर रहा है। पीएम मोदी के सपने को पूरा करने में पूरे देशवासियों का हाथ है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि डिजिटल इंडिया को रफ्तार गांवों से ही मिल रही है। आपको यहां बताते चलें कि नोटबंदी के बाद शहरी आबादी से ज्यादा असर ग्रामीण आबादी पर पड़ा था। लेकिन इस बीच एक रिपोर्ट कहती है कि डिजिटल इंडिया को आगे बढ़ाने का काम किसान कर रहे हैं।

बताया जा रहा है कि इस मामले में देश को आगे बढ़ाने का काम देश के किसान ही कर रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि नोटबंदी के बाद से किसानों ने काफी मात्रा में कैशलेस तरीके से लेन देन किया है। कहा भी गया है कि भारत की तरक्की दो बिंदुओं पर है। पहला किसान और दूसरा जवान, देखा जाए तो ये दोनों ही देश को ताकतवर और मजबूत बनाने का काम लगातार करते जा रहे हैं। किसानों को सेवा और सामान उपलब्ध कराने वाली कंपनियां ने हाल ही में बताया है कि किसान अब पेमेंट के लिए डिजिटल तरीकों का उपयोग कर रहे हैं। एग्रोस्टार, बिगहाट, दिएग्रीहब, RML एगटेक जैसी बड़ी कंपनियों का कहना है कि किसान अब क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग जैसे डिजिटल प्रयोग करने लगे हैं।

इस तरह से लग रहा है कि किसान लगातार अब डिजिटल ट्रांजेक्शन के बूते देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। इससे पहले देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देशवासियों से अपील की थी कि देश की अर्थव्य्वस्था को कैशलेस बनाने के लिए सभी देशवासी डिजिटल ट्रांजेक्शन की दिशा में कदम बढ़ाएं। इसके साथ ही मोदी ने कहा था कि इस तरह से भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई जा सकेगी। लग रहा है कि मोदी के इस सपने को देश के किसान लगातार आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। करीब 10 लाख किसानों को सर्विस देने कराने वाली कंपनी एग्रोस्टार का कहना है कि इससे पहले केवल कैश से ही पेमेंट होती थीं लेकिन देखा जा रहा है कि नोटबंदी के बाद से देश के किसान डिजिटल ट्रांजेक्शन की तरफ बढ़ रहे हैं।

इसके साथ ही कंपनी का कहना है कि किसान अब इन कंपनियों में भरोसा करने लगे हैं। कुल मिलाकर कहें तो इस वक्त देश के पीएम मोदी का सीना 56 इंच से 60 इंच का हो गया होगा, जब उन्हें इस खबर के बारे में पता चला होगा। देश की तमाम बड़ी कंपनियां, जो किसानों को बीज, खाद उपल्ब्ध कराती हैं, उनका भी कहना है कि किसान अब डिजिटल ट्रांजेक्शन की तरफ रुख करने लगे हैं। कंपनियों का कहना है कि पहले देखा जाता था कि किसान अपने पास भारी भरकम कैश लेकर आते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं दिख रहा है। कंपनियों का कहना है कि किसान अब अपने डेबिट कार्ड या फिर क्रेडिट कार्ट के साथ सामान खरीदने आते हैं और डिजिटल ट्रांजेक्शन का भरपूर इस्तेमाल कर रहे हैं।