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देश की सुरक्षा और संप्रभुता से जुड़ी किसी भी रिपोर्ट को नहीं छुआ जाएगा: सुप्रीमकोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि वह देश की सुरक्षा और संप्रभुता को प्रभावित करने वाली किसी भी रिपोर्ट का खुलासा नहीं करेगा, लेकिन संकेत दिया कि यह निजता के उल्लंघन की व्यक्तिगत आशंकाओं को संबोधित कर सकता है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि तकनीकी समिति की रिपोर्ट को सड़कों पर चर्चा के लिए दस्तावेज नहीं बनाया जाना चाहिए।

सुरक्षा और संप्रभुता से जुड़ी किसी भी रिपोर्ट का खुलासा नहीं 

उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि वह देश की सुरक्षा और संप्रभुता से जुड़ी किसी भी रिपोर्ट का खुलासा नहीं करेगा लेकिन उसने संकेत दिया कि निजता के उल्लंघन की व्यक्तिगत आशंकाओं से निपटा जाना चाहिए। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि तकनीकी समिति की रिपोर्ट को सड़कों पर चर्चा का दस्तावेज नहीं बनाया जाना चाहिए।

पीठ ने कहा, ‘‘देश की सुरक्षा और संप्रभुता से जुड़ी किसी भी रिपोर्ट को नहीं छुआ जाएगा लेकिन जो व्यक्ति यह जानना चाहते हैं कि उन्हें इसमें शामिल किया गया है या नहीं, उन्हें सूचित किया जा सकता है। हां, व्यक्तिगत आशंकाओं से निपटा जाना चाहिए लेकिन इसे सड़कों पर चर्चा का दस्तावेज नहीं बनाया जा सकता।’’ शीर्ष अदालत ने कहा कि उसे इस बात की भी समीक्षा करनी होगी कि तकनीकी पैनल की रिपोर्ट को व्यक्तियों के साथ किस हद तक साझा किया जा सकता है।

सुनवाई के दौरान एक याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने एक अमेरिकी जिला अदालत के फैसले का जिक्र किया। सिब्बल ने कहा, ‘‘व्हाट्सऐप ने खुद ही यहां खुलासा किया है। किसी तीसरे पक्ष ने नहीं। व्हाट्सऐप ने हैकिंग के बारे में कहा है।’’ शीर्ष अदालत ने कहा कि वह 30 जुलाई को मामले की सुनवाई करेगी। एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संघ ने बताया था कि 300 से अधिक सत्यापित भारतीय सेलफोन नंबर उन संभावित लक्ष्यों की सूची में थे जिनकी पेगासस स्पाइवेयर का उपयोग करके निगरानी की जानी थी।