उच्चतम न्यायालय ने स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर पर टिप्पणी को लेकर अप्रसन्नता जाहिर करते हुए राहुल गांधी से कहा कि हमारे स्वतंत्रता सेनानियों का मजाक नहीं उड़ाएं। उच्चतम न्यायालय ने सावरकर के खिलाफ कथित टिप्पणी को लेकर मानहानि के मामले में राहुल गांधी को जारी समन रद्द करने से इनकार करने संबंधी इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाई। उच्चतम न्यायालय ने वीडी सावरकर पर राहुल गांधी की टिप्पणी को ‘‘गैरजिम्मेदार’’ बताया।
अदालत ने सावरकर पर टिप्पणी को लेकर राहुल गांधी को फटकार लगाई
उच्चतम न्यायालय ने अभिषेक सिंघवी से पूछा कि क्या राहुल गांधी को पता है कि महात्मा गांधी ने भी अंग्रेजों से संवाद में ‘आपका वफादार सेवक’ शब्द का इस्तेमाल किया था। उच्चतम न्यायालय ने राहुल गांधी को भविष्य में ऐसे बयान नहीं देने के लिए आगाह करते हुए कहा वह इस पर स्वतः संज्ञान ले सकता है। उच्चतम न्यायालय ने कहा, ‘उन्होंने हमें आजादी दिलाई और आप उनके साथ ऐसा व्यवहार कर रहे हैं’। आपराधिक मामले में समन रद्द करने से इनकार करने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ राहुल गांधी की याचिका पर उच्चतम न्यायालय ने शिकायतकर्ता और उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया।
स्वतंत्रता सेनानियों पर कोई टिप्पणी नहीं
यह मानहानि का मामला 17 नवंबर, 2022 को महाराष्ट्र के अकोला जिले में एक रैली में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान सावरकर पर की गई गांधी की टिप्पणियों से उपजा है। गांधी ने कथित तौर पर सावरकर को “ब्रिटिश नौकर” कहा था, जिन्हें औपनिवेशिक सरकार से पेंशन मिलती थी।
राहुल गांधी के बयान के जरिए दुश्मनी भड़काने का कोई इरादा नहीं था
न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति मनमोहन की पीठ ने मामले की सुनवाई की। गांधी के वकील ने तर्क दिया कि बयान के जरिए दुश्मनी भड़काने का कोई इरादा नहीं था। हालांकि, पीठ ने गंभीर नाराजगी जताते हुए कहा, “क्या आपके मुवक्किल को पता है कि महात्मा गांधी ने भी ‘आपका वफादार सेवक’ वाक्यांश का इस्तेमाल किया था? क्या उन्हें पता है कि उनकी दादी ने भी स्वतंत्रता सेनानी को एक पत्र भेजा था?” अदालत ने कांग्रेस सांसद को इस तरह की टिप्पणी करने से परहेज करने की सख्त सलाह देते हुए कहा, “आप एक राजनीतिक नेता हैं। आपको इस तरह की टिप्पणी क्यों करनी चाहिए? ऐसा न करें। अगर भड़काने का इरादा नहीं था, तो इस तरह के बयान क्यों दिए?”
अदालत ने चेतावनी दी
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने अभी के लिए कार्यवाही पर रोक लगाने पर सहमति जताई, लेकिन यह स्पष्ट कर दिया कि राहुल गांधी को इस तरह की टिप्पणी नहीं दोहरानी चाहिए। अदालत ने चेतावनी देते हुए कहा, “हमें बहुत स्पष्ट होना चाहिए। आगे कोई भी बयान दिया गया तो हम इस पर स्वत: संज्ञान लेंगे। हम किसी को भी हमारे स्वतंत्रता सेनानियों पर टिप्पणी करने की अनुमति नहीं देंगे।”
पीठ ने यह भी कहा कि पूर्व कांग्रेस प्रमुख ने ये बयान महाराष्ट्र के अकोला में दिए थे – एक ऐसा स्थान जहां सावरकर का सम्मान किया जाता है। वकील नृपेंद्र पांडे ने रैली के दौरान गांधी पर जानबूझकर सावरकर का अपमान करने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि गांधी की टिप्पणी सावरकर को बदनाम करने की एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा थी।