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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अन्य उभरती हुई प्रौद्योगिकियां महत्वपूर्ण तरीकों से निरोध और युद्ध लड़ने में क्रांति ला रही हैं: राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अन्य उभरती हुई प्रौद्योगिकियां महत्वपूर्ण तरीकों से निरोध और युद्ध लड़ने में क्रांति ला रही हैं। उन्होंने कहा कि युद्ध भूमि, समुद्र और हवा के पारंपरिक क्षेत्रों से आगे बढ़कर अंतरिक्ष, साइबर, पानी के नीचे और रचनात्मक प्रयास के नए क्षेत्रों में तेजी से आगे बढ़ रहा है। राजनाथ सिंह ने नीलगिरी के वेलिंगटन में डिफेंस स्टाफ ट्रेनिंग कॉलेज के वार्षिक दिवस समारोह में भाग लेते हुए कहा कि वर्तमान में, प्रौद्योगिकी पहले की तरह भू-राजनीति और राष्ट्रीय सुरक्षा को आगे बढ़ा रही है।

रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘हम ‘ग्रे जोन’ और मिश्रित युद्ध के युग में हैं जहां साइबर हमले, गलत सूचनाओं का प्रचार और आर्थिक युद्ध ऐसे साधन बन गए हैं जिनसे एक भी गोली दागे बिना राजनीतिक-सैन्य उद्देश्यों को लक्ष्य बनाने के साथ हीउन्हें हासिल भी किया जा सकता है।’’ ‘ग्रे जोन’ से आशय ऐसे कालखंड से हैं जहां युद्ध और शांति के बीच के समय में राज्य और राज्येतर तत्वों के बीच एक दूसरे पर हावी होने की प्रतिस्पर्धा होती है। इसमेंगैर-परंपरागत तरीकों और रणनीतियों का इस्तेमाल किया जाता है जो परंपरागत युद्ध के दायरे में नहीं आते।

 

राजनाथ सिंह ने कहा कि एआई और प्रौद्योगिकियों की उभरती हुई टोकरी – रोबोटिक्स, सैन्य स्वायत्तता, ड्रोनरी, क्वांटम, ब्लॉकचेन, अंतरिक्ष, साइबर, इलेक्ट्रॉनिक्स, एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग और इसी तरह की अन्य प्रौद्योगिकियां महत्वपूर्ण तरीकों से निरोध और युद्ध लड़ने में क्रांति ला रही हैं। उन्होंने कहा कि युद्ध भूमि, समुद्र और हवा के पारंपरिक क्षेत्रों से आगे बढ़कर अंतरिक्ष, साइबर, पानी के नीचे और रचनात्मक प्रयास के नए क्षेत्रों में तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय वर्ष 2025 के लिए निर्धारित लक्ष्यों पर महत्वपूर्ण प्रगति कर रहा है, जिसका उद्देश्य भारत के सशस्त्र बलों को तकनीकी रूप से उन्नत और बहु-डोमेन एकीकृत संचालन में सक्षम युद्ध के लिए तैयार बल में बदलना है।

 

रक्षा मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सागर- क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास के दृष्टिकोण की नींव रखी। उन्होंने कहा कि केंद्र ने सागर को और आगे बढ़ाते हुए ग्लोबल साउथ के लिए एक दृष्टिकोण की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि 10 साल पहले, हमारे प्रधानमंत्री ने सागर- क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास के दृष्टिकोण की नींव रखी थी। यह दृष्टिकोण हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) की स्थिरता और समृद्धि के लिए था। आज, हमने इसे और आगे बढ़ाया है, और हमारे प्रधानमंत्री ने ग्लोबल साउथ के लिए एक दृष्टिकोण की घोषणा की है, जिसे सागर से आगे बढ़कर महासागर- क्षेत्र भर में सुरक्षा और विकास की पारस्परिक और समग्र उन्नति के रूप में परिभाषित किया गया है।