लखनऊ यूपी की योगी सरकार जल्द ही एक नया अधिनियम लाएगी। इससे लोगों को घरौनी में संशोधन की सुविधा मिल सकेगी। प्रमाणपत्र मिलने के छह महीने के अंदर आपत्ति दर्ज करा सकेंगे।
उत्तर प्रदेश में लोगों को घरौनी में संशोधन कराने की सुविधा जल्द मिलेगी। योगी सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी के सर्वे और मालिकाना हक के लिए विधेयक लाने जा रही है। प्रस्तावित प्रारूप के अनुसार, घरौनी का प्रमाणपत्र मिलने के छह माह के भीतर संबंधित पक्ष उस पर आपत्ति कर सकेगा। इसकी सुनवाई सहायक रिकॉर्ड ऑफिसर (एआरओ) करेंगे।
एआरओ के यहां आपत्ति की जा सकती है
मौके पर बने आवासों व खाली भूमि का स्वामित्व, सड़क, गलियों, पोल, ट्रांसफॉर्मर, हैंडपंप, पाइप लाइन, बिजली की लाइन, सीवर लाइन, रेलवे लाइन, कम्युनिटी एरिया, मंदिर व अन्य पवित्र स्थानों का ब्योरा सर्वे में रखा जाएगा। अभी एक बार घरौनी में ऑनलाइन नाम दर्ज होने के बाद संशोधन की व्यवस्था नहीं है। लेकिन, अधिनियम में यह प्रबंध है कि घरौनी प्रमाणपत्र मिलने के छह माह के भीतर एआरओ के यहां आपत्ति की जा सकती है।
असहमत होने पर डीएम के यहां कर सकेंगे अपील
यहां से असहमत पक्ष जिला रिकॉर्ड ऑफिसर (आरओ) यानी डीएम के यहां अपील कर सकेंगे। फिर भी मामला नहीं सुलझा तो सिविल कोर्ट का विकल्प उपलब्ध होगा। शासन के उच्चपदस्थ सूत्रों के मुताबिक, विधेयक के प्रारूप का विधायी विभाग परीक्षण कर रहा है। इसे विधानमंडल के मानसून सत्र में प्रस्तुत किए जाने की योजना है।