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अगले पांच दशकों में भारत को दो अमेरिका के बराबर शहरी विकास करना होगा: रायसीना डायलॉग में बोले अमिताभ कांत

नई दिल्ली कांत ने कहा कि हमें मौजूदा शहरों को पुनर्जीवित करना होगा। आज मुंबई का सकल घरेलू उत्पाद 18 भारतीय राज्यों के सकल घरेलू उत्पाद से अधिक है, और यूपी के एक शहर, गौतम बुद्ध नगर, नोएडा और ग्रेटर नोएडा का सकल घरेलू उत्पाद यूपी के दूसरे सबसे बड़े शहर, कानपुर से 12 गुना अधिक है। ऐसा ही विकास और रोजगार के अवसर नए शहर पैदा करेंगे।’

नीति आयोग के पूर्व सीईओ और जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने देश के विकास में सतत शहरी विकास की अहमियत के बारे में बताया और कहा कि अगले पांच दशकों में भारत को दो अमेरिका के बराबर शहरी विकास करना होगा। अमिताभ कांत ने कहा कि शहर ही नवाचार और विकास का केंद्र बनेंगे। मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति ने जलवायु परिवर्तन का मुद्दा उठाया और कहा कि हर देश जलवायु परिवर्तन से प्रभावित है।

‘हर पांच साल में बसाना होगा एक शिकागो’
अमिताभ कांत ने रायसीना डायलॉग में एक पैनल चर्चा के दौरान कहा कि ‘यह समझना महत्वपूर्ण है कि शहर विकास के केंद्र हैं, नवाचार, समृद्धि के केंद्र हैं। इसलिए अगर भारत अगले 5 दशकों में 50 करोड़ लोगों को शहरीकरण की प्रक्रिया में शामिल होते देखना चाहता है, तो इसका मतलब है कि भारत के लिए अगले 5 दशकों में दो अमेरिका के बराबर शहरीकरण करना होगा। भारत को हर 5 साल में एक नया शिकागो बनाना होगा।’ कांत ने कहा कि हमें मौजूदा शहरों को पुनर्जीवित करना होगा। आज मुंबई का सकल घरेलू उत्पाद 18 भारतीय राज्यों के सकल घरेलू उत्पाद से अधिक है, और यूपी के एक शहर, गौतम बुद्ध नगर, नोएडा और ग्रेटर नोएडा का सकल घरेलू उत्पाद यूपी के दूसरे सबसे बड़े शहर, कानपुर से 12 गुना अधिक है। ऐसा ही विकास और रोजगार के अवसर नए शहर पैदा करेंगे।’

‘जलवायु परिवर्तन से सभी देश प्रभावित’
मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति और वर्तमान में क्लाइमेट वल्नरेबल फोरम और वी20 के महासचिव मोहम्मद नशीद ने जलवायु परिवर्तन का मुद्दा उठाते हुए कहा कि देश तभी समृद्ध होते हैं जब वे स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करते हैं। उन्होंने कहा ‘मुझे लगता है कि सबसे पहले हम सभी को यह समझना चाहिए कि जलवायु परिवर्तन से केवल छोटा मालदीव ही प्रभावित नहीं हो रहा है, बल्कि हर कोई प्रभावित हो रहा है। मालदीव के साथ जो होता है, वह आकार में बड़े देशों में दोगुना होता है। इसलिए हर देश जलवायु परिवर्तन के प्रति संवेदनशील है। प्रकृति की देखभाल विकसित देशों को करनी चाहिए, यही समृद्धि का विचार है।’

संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मामलों के राज्य मंत्री नूरा बिंत मोहम्मद अल काबी ने भारत और यूएई के बीच गहरे सांस्कृतिक संबंधों पर प्रकाश डाला और कहा कि आज यूएई में सबसे बड़ी आबादी में से एक भारतीय आबादी है। अल काबी ने कहा, ‘भारत के साथ यूएई के संबंधों या रिश्तों की बात करें तो यह सैकड़ों साल पुराने हैं।दोनों देशों में व्यापार होता था और यूएई दिरहम से पहले, हम रुपये का इस्तेमाल करते थे।’