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मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 16 अप्रैल को सुनवाई करेगा

नई दिल्ली केंद्र सरकार ने चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति, सेवा की शर्तों और कार्यकाल अधिनियम साल 2023 में लागू किया था। इस अधिनियम के तहत मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य दो आयुक्तों की नियुक्ति तीन सदस्यीय समिति द्वारा की जाएगी, जिसमें प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और प्रधानमंत्री द्वारा नियुक्त एक केंद्रीय मंत्री शामिल होते हैं।

मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 16 अप्रैल को सुनवाई करेगा। याचिका में चुनाव आयुक्तों की साल 2023 के कानून के तहत नियुक्ति को चुनौती दी गई है। मामले में याचिकाकर्ता का पक्ष रख रहे वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने अपील की कि इस मामले पर जल्द सुनवाई की जाए क्योंकि यह मामला लोकतंत्र के जड़ में है।

याचिकाकर्ता एनजीओ एडीआर का पक्ष रख रहे प्रशांत भूषण
इस पर जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने मामले पर सुनवाई की तारीख 16 अप्रैल तय कर दी। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि आज कई जरूरी मामलों पर सुनवाई होनी है, इसलिए इस मामले पर 16 अप्रैल को सुनवाई होगी। प्रशांत भूषण याचिका दायर करने वाले एनजीओ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की तरफ से सुनवाई में शामिल हुए।

क्यों हो रहा है विरोध
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति, सेवा की शर्तों और कार्यकाल अधिनियम साल 2023 में लागू किया था। इस अधिनियम के तहत मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य दो आयुक्तों की नियुक्ति तीन सदस्यीय समिति द्वारा की जाएगी, जिसमें प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और प्रधानमंत्री द्वारा नियुक्त एक केंद्रीय मंत्री शामिल होते हैं। पहले इस समिति में केंद्रीय मंत्री की जगह मुख्य न्यायाधीश शामिल होते थे, लेकिन नए कानून में मुख्य न्यायाधीश को इस समिति से हटा दिया गया है। इसी का विपक्ष विरोध कर रहा है। कानून के मुताबिक एक सर्च कमेटी पांच नामों को शॉर्टलिस्ट करेगी, जिनमें से प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली समिति इनमें से एक नाम फाइनल करेगी। इस अधिनियम में ये भी प्रावधान है कि समिति शॉर्टलिस्ट किए गए नामों से अलग भी किसी अन्य योग्य उम्मीदवार को चुनाव आयुक्त नियुक्त कर सकती है।

एडीआर की याचिका में कहा गया है कि नए कानून के तहत मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति लोकतंत्र का मजाक है। बीती 17 फरवरी को ही ज्ञानेश कुमार को देश का अगला मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया है। नए कानून के तहत नियुक्त होने वाले ज्ञानेश कुमार पहले मुख्य चुनाव आयुक्त हैं। ज्ञानेश कुमार का कार्यकाल 26 जनवरी 2029 तक रहेगा।