सुप्रीम कोर्ट ने पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई अप्रैल के पहले सप्ताह तक के लिए टाल दी। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने कहा कि मामले की सुनवाई तीन न्यायाधीशों की पीठ करेगी। इससे पहले सुबह में शीर्ष अदालत ने पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 की वैधता से संबंधित एक मामले में कई नई याचिकाएं दायर करने पर नाराजगी व्यक्त की, जो किसी स्थान के धार्मिक चरित्र को 15 अगस्त, 1947 को अस्तित्व में बनाए रखने का आदेश देता है।
जब एक मुकदमेबाज की ओर से पेश वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंग ने दिन के दौरान सुनवाई के लिए एक नई याचिका का उल्लेख कियातो सीजेआई ने कहा कि हम शायद इसे उठाने में सक्षम नहीं होंगे। दिन की कार्यवाही की शुरुआत में वरिष्ठ वकील ने मामले का जिक्र किया। सीजेआई ने कहा कि याचिकाएं दायर करने की एक सीमा है। इतने सारे आईए (अंतरिम आवेदन) दायर किए गए हैं कि हम उन पर विचार नहीं कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि मार्च में तारीख दी जा सकती है।
शीर्ष अदालत ने अपने 12 दिसंबर, 2024 के आदेश के माध्यम से विभिन्न हिंदू पक्षों द्वारा दायर लगभग 18 मुकदमों में कार्यवाही को प्रभावी ढंग से रोक दिया, जिसमें वाराणसी में ज्ञानवापी, मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद और संभल में शाही जामा मस्जिद सहित 10 मस्जिदों के मूल धार्मिक चरित्र का पता लगाने के लिए सर्वेक्षण की मांग की गई थी, जहां झड़पों में चार लोगों की मौत हो गई थी।