वहीं लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन की बात करें तो शनिवार शाम 5:15 बजे तक यह यात्रियों से खचाखच भर चुका था। सभी की निगाहें ट्रैक पर टिकी थीं। गंगा गोमती एक्सप्रेस को दूर से ही आते देख भीड़ में हलचल मच गई। ट्रेन के रुकते ही लोग बोगियों पर चढ़ने के लिए टूट पड़े।बीते दो दिनों से लखनऊ से महाकुंभ जाने वालों की संख्या कम नजर आई थी। लेकिन, शनिवार को एक बार फिर श्रद्धालुओं का रेला नजर आया। इसे संभालने में जीआरपी व आरपीएफ जवानों की सांसें फूल गईं। बरेली-प्रयागराज एक्सप्रेस समेत प्रयागराज जाने वाली हर ट्रेन फुल रही।
महिलाएं बाहर, पुरुषों ने कब्जाया कोच
महिला कोच की हालत ऐसी रही कि महिलाएं बाहर और पुरुष अंदर थे। भीड़ को देखते हुए महिलाएं अंदर घुसने की हिम्मत नहीं जुटा सकीं। मौके पर पहुंचे जवानों ने कुछ महिलाओं को सीटों पर बैठाया। यही हाल दिव्यांग कोच का रहा।
अतिरिक्त बसों ने दिया सहारा
लखनऊ से प्रयागराज जाने के लिए बसों का ही सहारा है। यात्रियों की सहूलियत के लिए रोडवेज ने 185 अतिरिक्त बसों की व्यवस्था की थी। ऐसे में जिन्हें ट्रेनों में जगह नहीं मिली, वे आलमबाग टर्मिनल से बसों से प्रयागराज गए। इस दौरान बस अड्डे पर मारामारी की स्थिति नहीं दिखी।