शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने अनुभवी सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे पर 2014 के बाद भाजपा के नेतृत्व वाली सरकारों के तहत अनियमितताओं के खिलाफ आवाज नहीं उठाने का आरोप लगाया है। मंगलवार को राउत की यह टिप्पणी हजारे के उस दावे के बाद आई है जिसमें उन्होंने दावा किया था कि अरविंद केजरीवाल के पैसे पर ध्यान केंद्रित करने के कारण आम आदमी पार्टी (आप) हाल ही में दिल्ली विधानसभा चुनाव हार गई।
हजारे ने सेना (यूबीटी) नेता की आलोचना पर पलटवार करते हुए कहा कि कुछ लोग चीजों को अपनी मानसिक स्थिति के अनुसार समझते हैं। मुंबई में पत्रकारों से बात करते हुए राउत ने दावा किया, “अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने अन्ना हजारे को महात्मा बना दिया। उनके बिना, अन्ना दिल्ली नहीं देख पाते या (भ्रष्टाचार के खिलाफ विरोध के लिए) राम लीला और जंतर मंतर पर नहीं जाते।” उन्होंने कहा कि 2014 के बाद बीजेपी शासित केंद्र और महाराष्ट्र में अनियमितताओं का विस्फोट हुआ, लेकिन अन्ना ने एक शब्द भी नहीं बोला।
आलोचना पर प्रतिक्रिया देते हुए हजारे ने कहा, ‘एक विशेष रंग का चश्मा पहनने वाला व्यक्ति दुनिया को उसी के अनुसार देखता है।’ हाल के दिल्ली विधानसभा चुनावों में आप को हार का सामना करने के बाद, हजारे ने दावा किया कि केजरीवाल ने “केवल शराब पर ध्यान केंद्रित किया” और लोगों की सेवा करना भूल गए। हजारे मे कहा कि शराब नीति के मुद्दे के साथ पैसा आया और वे उसमें डूब गए। आम आदमी पार्टी की छवि खराब हुई। लोगों ने देखा कि वह(अरविंद केजरीवाल) पहले स्वच्छ चरित्र की बात करते हैं और फिर शराब नीति की।’’ हजारे ने कहा कि आम आदमी पार्टी इसलिए हारी क्योंकि वह लोगों की निस्वार्थ सेवा करने की जरूरत को समझने में विफल रही और उसने गलत रास्ता अपना लिया।