नई दिल्ली कांग्रेस के मीडिया प्रभारी जयराम रमेश ने बताया कि 1 फरवरी 2025 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में सीएनएलडी कानून में संशोधन का एलान किया। जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि सरकार अमेरिकी और फ्रांसीसी कंपनियों को खुश करने के लिए कानून में संशोधन करने जा रही है।
कांग्रेस पार्टी ने सोमवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार अमेरिकी और फ्रांसीसी कंपनियों को खुश करने के लिए सीएनएलडी कानून में बदलाव करने जा रही है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में लिखा कि सरकार सिविल लायबिलिटी फॉर न्यूक्लियर डैमेज एक्ट 2010 पर यू-टर्न लेने वाली है ताकि अमेरिकी और फ्रांसीसी कंपनियों को खुश किया जाए क्योंकि पीएम मोदी अगले चार दिन इन देशों के दौरे पर रहेंगे।
कांग्रेस ने सरकार पर लगाए आरोप
जयराम रमेश ने कहा कि 8 फरवरी 2015 को विदेश मंत्रालय ने एक बुकलेट जारी की थी, जिसमें सिविल लायबिलिटी फॉर न्यूक्लियर डैमेज एक्ट 2010 से संबंधित सवालों का जवाब दिया गया था। एक सवाल में पूछा गया था कि ‘क्या सरकार सीएनएलडी कानून में संशोधन करने पर सहमत हो गई है? अगर नहीं तो फिर क्या भविष्य में इसमें बदलाव किए जा सकते हैं?’ इसके जवाब में विदेश मंत्रालय ने कहा था कि ‘कानून या नियमों में बदलाव का कोई प्रस्ताव नहीं है’।
कांग्रेस के मीडिया प्रभारी जयराम रमेश ने बताया कि 1 फरवरी 2025 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में सीएनएलडी कानून में संशोधन का एलान किया। जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि सरकार अमेरिकी और फ्रांसीसी कंपनियों को खुश करने के लिए कानून में संशोधन करने जा रही है। उन्होंने ये भी दावा किया कि ये कंपनियां बीते 15 वर्षों से इस मुद्दे पर बातचीत चल रही है। उल्लेखनीय है कि पीएम मोदी सोमवार को फ्रांस के दो दिवसीय दौरे पर रवाना हो गए। पीएम मोदी फ्रांस में फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ एआई एक्शन समिट की सह-अध्यक्षता करेंगे। इसके बाद 12 फरवरी को पीएम मोदी फ्रांस से अमेरिका के लिए रवाना हो जाएंगे। जहां वे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और बिजनेस जगत के लोगों से मुलाकात करेंगे।
क्या है सीएनएलडी कानून
परमाणु क्षति के लिए नागरिक दायित्व कानून 2010 यह सुनिश्चित करता है कि परमाणु दुर्घटना या आपदा की स्थिति में पीड़ितों को हुए नुकसान का मुआवजा मिलेगा और ये भी निर्धारित किया जाएगा कि उस नुकसान के लिए कौन जिम्मेदार होगा। पीड़ितों को मुआवजा देने के लिए कानून में एक तंत्र स्थापित करने का प्रावधान है।