केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री जे पी नड्डा ने शुक्रवार को कहा कि देश में यूरिया खाद की कोई किल्लत नहीं है और कुछ लोग मुनाफाखोरी के लिए इसके दामों को प्रभावित कर परेशानी पैदा कर रहे हैं।
नड्डा ने लोकसभा में पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए यह भी कहा कि जन प्रतिनिधियों को और राज्य सरकार को इस तरह के तत्वों पर कार्रवाई करने में मदद करनी चाहिए। उत्तर प्रदेश के धौरहरा से समाजवादी पार्टी के सांसद आनंद भदौरिया ने जब राज्य में यूरिया की किल्लत होने का दावा किया तो नड्डा ने कहा, ‘‘यूरिया की किल्लत कभी नहीं रही। किल्लत पैदा की जाती है। कुछ लोग बाजार में सेंध लगाते हैं और अनावश्यक तरीके से मुनाफा कमाने के लिए इस तरह की स्थिति पैदा करते हैं।’’
उन्होंने सांसदों से भी अनुरोध किया कि इस स्थिति से निपटने में सहयोग करें। नड्डा ने जनता दल (यूनाइटेड) की सदस्य लवली आनंद के एक पूरक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि किसानों तक डीएपी उर्वरक की आपूर्ति समय पर करने के लिए एक तिथिवार, सप्ताह वार और क्षेत्रवार रणनीति बनाई जाती है।
उन्होंने कहा कि जहां तक डीएपी के वितरण का सवाल है तो इसमें अनावश्यक रूप से परेशानी पैदा करने वाले तत्वों पर कार्रवाई करने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की है और केंद्र उनके संपर्क में रहता है।
नड्डा ने कहा कि देश में यूरिया के 45 किलोग्राम के बोरे का अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) 266 रुपये है और उस पर सरकार 1400 रुपये की सब्सिडी दे रही है, वहीं 50 किलोग्राम का डीएपी का बोरा किसानों को 1350 रुपये में दिया जाता है और इस पर भी सरकार 1650 रुपये की सब्सिडी दे रही है।