Friday , January 31 2025
Breaking News

ट्रंप की नीतियां वैश्विक मामलों में अहम बदलाव ला सकती हैं, लेकिन हो सकता है कि कुछ चीजें हमारे पाठ्यक्रम से बाहर हों: जयशंकर ने साफ किया भारत का रुख

नई दिल्ली विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि ट्रंप की नीतियां वैश्विक मामलों में अहम बदलाव ला सकती हैं, लेकिन हो सकता है कि कुछ चीजें हमारे पाठ्यक्रम से बाहर हों। इसलिए हमें अपनी विदेश नीति को पाठ्यक्रम से बाहर चलाना होगा। जो हमारे राष्ट्रीय हित में होगा। कुछ मुद्दों पर हम अलग हो सकते हैं। मगर कई क्षेत्र ऐसे हैं जो हमारे दायरे में होंगे।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों पर भारत का रुख साफ किया। उन्होंने कहा कि ट्रंप की कुछ नीतियां भारत के पाठ्यक्रम से बाहर हो सकती हैं। लेकिन हम अपने राष्ट्रीय हित को महत्व देंगे।

दिल्ली विवि के एक कॉलेज में कार्यक्रम के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रवादी हैं। वैश्विक स्तर पर भारत का प्रभाव बढ़ रहा है। मैं हाल ही में अमेरिका के नए राष्ट्रपति ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में गया था। हमें वहां अच्छा व्यवहार और सम्मान मिला। उन्होंने कहा कि ट्रंप की नीतियां वैश्विक मामलों में अहम बदलाव ला सकती हैं, लेकिन हमारी विदेशी नीति राष्ट्रीय हित पर आधारित होगी।

विदेश मंत्री ने कहा कि हां यह सही बात है कि ट्रंप कई चीजों में बदलाव करेंगे। लेकिन हो सकता है कि कुछ चीजें हमारे पाठ्यक्रम से बाहर हों। इसलिए हमें अपनी विदेश नीति को पाठ्यक्रम से बाहर चलाना होगा। जो हमारे राष्ट्रीय हित में होगा। उन्होंने कहा कि कुछ मुद्दों पर हम अलग हो सकते हैं। मगर कई क्षेत्र ऐसे हैं जो हमारे दायरे में होंगे। उन्होंने कहा कि अमेरिका के साथ हमारे संबंध मजबूत हैं। पीएम मोदी के ट्रंप के साथ अच्छे व्यक्तिगत रिश्ते हैं।

विदेश मंत्री ने भारत के बढ़ते वैश्विक प्रभाव को लेकर बदलती धारणा को लेकर भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अब तो तमाम गैर भारतीय भी खुद को भारत का बताने लगे हैं। क्योंकि उनको लगता है कि इससे उन्हें कहीं विमान में सीट मिल जाएगी।

राजनीति में अपने प्रवेश को लेकर बोले विदेश मंत्री
संवाद सत्र में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राजनीति में प्रवेश को लेकर जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं नौकरशाह बनूंगा। राजनीति में मेरा प्रवेश अचानक हो गया। इसे चाहे तो भाग्य कह सकते हैं या मोदी कह सकते हैं। पीएम मोदी ने इस तरह मेरा पीछा किया कि कोई भी मना नहीं कर सका। उन्होंने कहा कि विदेश में रहने वाले प्रवासी भारतीय अभी भी अपनी मातृभूमि पर भरोसा रखते हैं। जो भी देश से बाहर जाते हैं वो हमारे पास आते हैं। बाहर हम ही रखवाले हैं।