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कड़ाके की ठंड की चिंता किए बिना देश के कोने.कोने से लाखों श्रद्धालुओं ने मकर संक्रांति पर लगाई आस्था की डुबकी

महाकुंभ की शुरुआत हो चुकी है। संगम पर डुबकी के लिए कड़ाके की ठंड की चिंता किए बिना देश के कोने-कोने से लाखों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। विदेशी भक्त भी महाकुंभ पहुंच रहे हैं। कुंभ मेला क्षेत्र दिव्य सजावट और भव्य तैयारियों से जगमगा उठा है।

महाकुंभ मेला 2025 पर यूपी के प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद ने कहा कि “हमने एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है और हम स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। महाकुंभ 2025 सामाजिक, धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से दुनिया का सबसे बड़ा आयोजन है। कल प्रयागराज में संगम में एक करोड़ 62 लाख श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। आज महाकुंभ 2025 का पहला अमृत स्नान है। आज करीब 1.75 लाख लोगों ने संगम में डुबकी लगाई। संख्या बढ़ेगी… लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उचित इंतजाम किए गए हैं।
किन्नर अखाड़े के सदस्य शस्त्रों के साथ अपनी परंपराओं का अद्भुत प्रदर्शन करते नजर आए। तलवारों और अन्य शस्त्रों को लहराते हुए उन्होंने अपनी शक्ति और परंपरा का परिचय दिया। जयघोष और हर हर महादेव के नारों के बीच पूरा माहौल उत्साह और आस्था से भर गया। किन्नर अखाड़े के इस आयोजन ने महाकुंभ 2025 में एक विशेष छवि प्रस्तुत की। उनके संदेश ने यह स्पष्ट किया कि समाज के हर वर्ग का उत्थान और कल्याण भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है।
किन्नर अखाड़े की सदस्य राम्या नारायण गिरी ने बताया कि अमृत स्नान के अवसर पर प्रत्येक सदस्य ने भारतवासियों की सुख-समृद्धि और देश के कल्याण की कामना की। उन्होंने कहा कि महाकुंभ का यह पर्व न केवल धार्मिक आयोजन है, बल्कि समाज के प्रति सकारात्मक संदेश देने का भी एक माध्यम है।
किन्नर अखाड़े के सदस्य हर हर महादेव का नारे लगाते हुए संगम की ओर बढ़े। बीच में छत्र के नीचे आचार्य महामंडलेश्वर चल रहे थे और उनके साथ अखाड़े के अन्य महामंडलेश्वर उपस्थित थे। इस दौरान किन्नर अखाड़े के साधु पारंपरिक शस्त्रों का प्रदर्शन कर रहे थे। तलवारें लहराते हुए और जयघोष करते हुए उन्होंने अमृत स्नान का शुभारंभ किया।
महाकुंभ 2025 के पहले अमृत स्नान के पावन अवसर पर किन्नर अखाड़ा आकर्षण का प्रमुख केंद्र बना। आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी की अगुवाई में किन्नर अखाड़े के सभी सदस्यों ने दोपहर में संगम नोज पहुंचकर अमृत स्नान किया। महासंक्रांति के पर्व पर किन्नर अखाड़े ने समाज के कल्याण और उन्नति की कामना की।
प्रयागराज में जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि “मैं बेहद खुश हूं क्योंकि मैं सभी आचार्यों के बीच पवित्र डुबकी लगाने वाला पहला व्यक्ति था। मैं राज्य सरकार की व्यवस्थाओं से प्रभावित हूं। उन्होंने यहां इतनी बड़ी भीड़ का सफलतापूर्वक प्रबंधन किया है।”