प्रयागराज विचारों, मतों, संस्कृतियों, परंपराओं स्वरूपों का गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती की त्रिवेणी के तट पर महामिलन 45 दिन तक चलेगा। पौष पूर्णिमा के प्रथम दिन करीब 60 लाख लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई।
एक करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी
उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा, ”अब तक महाकुंभ 2025 की शुरुआत और पहले ‘अमृत स्नान’ के दिन संगम क्षेत्र में लगभग एक करोड़ श्रद्धालुओं ने पवित्र डुबकी लगाई है। संगम पर श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार जारी है। वहां पुलिस के जवान मौजूद हैं, ड्रोन से भी निगरानी की जा रही है।’
श्रद्धालुओं में दिखा उत्साह
बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं तड़के से ही संगम स्नान के लिए पहुंचने लगे। आस्था का ऐसा आलम था कि सिर पर गठरी का वजन भी उनके उत्साह को कम नहीं कर सका। संगम नोज, एरावत घाट और वीआईपी घाट समेत समस्त घाटों पर सुबह से ही श्रद्धालु स्नान करते नजर आए। युवाओं ने इस पावन क्षण को कैमरे में कैद किया और सोशल मीडिया पर साझा किया।
450 मिलियन से अधिक श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद
महाकुंभ 12 साल बाद मनाया जा रहा है और इस आयोजन में 450 मिलियन से अधिक श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। महाकुंभ का समापन 26 फरवरी को होगा।
महाकुंभ की जीवंत ऊर्जा संगम मेले से लेटे हनुमान मंदिर तक फैली
महाकुंभ की जीवंत ऊर्जा संगम मेले और लेटे हनुमान मंदिर के पास के बाजार क्षेत्रों तक फैल गई। पूजा सामग्री बेचने वाले और तिलक लगाने वाले कलाकार भक्तों की बढ़ती भीड़ को संभालने में व्यस्त देखे गए। प्रसाद, चुनरी और दीया सामग्री बेचने वाले खुदरा विक्रेताओं ने बताया कि इस वर्ष तीर्थयात्रियों की आमद 2019 कुंभ मेले से भी अधिक हो गई है।
महाकुंभ एक वैश्विक आयोजन बन जाएगा
विशेष रूप से, इस वर्ष के महाकुंभ में अपेक्षित भीड़ कई देशों की जनसंख्या से अधिक होने का अनुमान है, जिससे यह वास्तव में एक वैश्विक आयोजन बन जाएगा। विदेशी श्रद्धालु न केवल इस कार्यक्रम को देखने के लिए आकर्षित हुए, बल्कि अनुष्ठानों में सक्रिय रूप से भाग लेते हुए भी देखे गए, अन्य देशों के कई साधुओं और संन्यासियों ने सनातन धर्म को अपनाया और आध्यात्मिक आशीर्वाद के रूप में पवित्र स्नान किया।