नई दिल्ली बंगलूरू के इंजीनियर अतुल सुभाष ने ससुरालीजनों पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए नौ दिसंबर 2024 को आत्महत्या कर ली थी। आत्महत्या के बाद 14 दिसंबर को उनकी पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया और भाई अनुराग सिंघानिया गिरफ्तार किया गया था। बंगलूरू सिटी सिविल कोर्ट ने शनिवार को निकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया और पत्नी के भाई अनुराग सिंघानिया को जमानत दे दी थी।
बंगलूरू के इंजीनियर अतुल सुभाष आत्महत्या मामले में पत्नी निकिता, सास और पत्नी के भाई को जमानत मिलने पर अतुल सुभाष के परिजन निराश हैं। अतुल सुभाष के पिता पवन कुमार मोदी ने कहा कि उनको कानूनी प्रक्रिया के तहत जमानत दी गई है, लेकिन उन्हें जमानत नहीं दी जानी चाहिए थी। हम अपने पोते के बारे में चिंतित हैं। वह कहां है? अतुल सुभाष के पिता ने कहा कि हमें कर्नाटक पुलिस से पोते के बारे में कुछ जानकारी मिली है। हमें बताया गया है कि पोता फरीदाबाद के एक बोर्डिंग स्कूल में है। यहां उसका दाखिला तीन साल की उम्र में हुआ है। यह गैर कानूनी है। बच्चे की उम्र अभी चार साल का होगा। जनवरी 2024 में उसका दाखिल हुआ है। तीन साल से कम की उम्र उसका आवासीय विद्यालय में दाखिल कराया गया। उसके पिता का नाम भी नहीं दिया गया है। पिता के फोटो की जगह माता का फोटो लगा है। यह पूरी तरह से फर्जी है। उन्होंने कहा कि निकिता को अपने बच्चे से कोई प्यार नहीं है। वह पैसे ऐंठने के लिए उसे एटीएम की तरह इस्तेमाल कर रही है। अभी भी उसने बच्चे को हथियार बनाकर जमानत ले ली।
अतुल सुभाष के भाई विकास मोदी ने कहा कि हम निकिता सिंघानिया और उनके परिवार के सदस्यों के जमानत आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय जाएंगे और यदि आवश्यक हुआ तो हम सर्वोच्च न्यायालय का भी दरवाजा खटखटाएंगे। मैं जानना चाहता हूं कि कोर्ट को मृत्यु प्रमाण पत्र की इतनी जल्दी क्यों है? अगर आप प्रमाण पत्र को देखें तो उस पर कोई मुहर नहीं है और एक साफ कागज पर तीन हस्ताक्षर किए गए हैं। वो हस्ताक्षर भी असली है या नहीं, ये भी हम नहीं जानते। इसकी प्रामाणिकता पर सवाल उठते हैं।
अतुल सुभाष आत्महत्या केस
बिहार के समस्तीपुर के रहने वाले अतुल सुभाष और यूपी के जौनपुर जिले की निवासी निकिता सिंघानिया की शादी साल 2019 में हुई थी। जिसके कुछ दिन बाद से ही दोनों के बीच कई मामलों लेकर अनबन थी। इसके बाद से दोनों ने तलाक के किए कोर्ट कचहरी के चक्कर भी लगाए थे। अतुल सुभाष ने फैमिली कोर्ट की जज रीता कौशिक और ससुरालीजनों की तरफ से बड़े पैमाने पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए नौ दिसंबर 2024 को आत्महत्या कर ली थी।
14 दिसंबर को गिरफ्तार हुआ था सिंघानिया परिवार
वहीं अतुल सुभाष के आत्महत्या के बाद 14 दिसंबर को उनकी पत्नी निकिता सिंघानिया को हरियाणा के गुरुग्राम और सास निशा सिंघानिया और भाई अनुराग सिंघानिया को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद तीनों को बंगलूरू लाया गया था, जहां अदालत में पेश करने के बाद उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। बंगलूरू सिटी सिविल कोर्ट ने शनिवार को आरोपी सिंघानिया परिवार की याचिका स्वीकार करते हुए अतुल सुभाष की पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया और पत्नी के भाई अनुराग सिंघानिया को जमानत दे दी थी।