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कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप, भाजपा का मणिपुर में हिंसा को बढ़ावा देने में कोई न कोई स्वार्थ है

नई दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया कि भाजपा का मणिपुर में हिंसा को बढ़ावा देने में कोई न कोई स्वार्थ है। राज्य में 250 से अधिक निर्दोष लोग मारे जा चुके हैं और 60,000 से अधिक लोग विस्थापित हो गए हैं।

मणिपुर में तनाव कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। जैसे ही लगता है कि अब हालात नियंत्रण में है, तभी फिर हिंसा भड़क जाती है। इसे लेकर कांग्रेस लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साध रही है। ताजा हिंसक घटनाओं के बाद विपक्षी पार्टी ने कहा कि पीएम ‘राजधर्म’ का पालन नहीं करने की संवैधानिक जिम्मेदारी से बच नहीं सकते।

‘भाजपा ही माचिस की तीली’
कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शनिवार को आरोप लगाया कि भाजपा का मणिपुर में हिंसा को बढ़ावा देने में कोई न कोई स्वार्थ है। उन्होंने कहा कि भाजपा ही वह माचिस की तीली है, जिसने मणिपुर को जलाया। इसके अलावा उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर ताजा हिंसा के बारे में एक खबर की कटिंग साझा की है।

हिंसा शुरू हुए 600 दिन बीते
उन्होंने प्रधानमंत्री की मणिपुर यात्रा का जिक्र करते हुए कहा, ‘नरेंद्र मोदी जी, आप जनवरी 2022 में मणिपुर का दौरा करने गए थे, वो भी भाजपा के लिए वोट मांगने। जबकि राज्य में तीन मई 2023 को हिंसा भड़की थी। करीब 600 से अधिक दिन बीत गए। मीडिया रिपोर्ट में सैटेलाइट तस्वीरें दिखाई गई हैं, जिसमें देखा जा सकता है कि कैसे एक के बाद एक गांव का सफाया होता जा रहा है।’

फिर हुई कांगपोकपी में हिंसा
उन्होंने कहा कि हाल ही में कांगपोकपी जिले के पुलिस अधीक्षक पर हमले की घटना भी सामने आई है, जिसमें पुलिसकर्मी और प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि अक्षम और बेशर्म मुख्यमंत्री ने खेद जताया है, मगर राज्य में लोगों को नजरअंदाज कर दिया है।

250 से अधिक लोग मारे गए
खरगे ने यह भी कहा कि भाजपा का राज्य को अस्थिर रखने में कोई स्वार्थ है। 250 से अधिक निर्दोष लोग मारे जा चुके हैं और 60,000 से अधिक लोग विस्थापित हो गए हैं। लोग 20 महीने से शिविरों में रह रहे हैं। मणिपुर में शांति स्थापित करना केंद्र और राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है, जैसा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है।

ये रखी थीं मांगे
उन्होंने कहा, ‘छह दिसंबर को मणिपुर में इंडिया (ब्लॉक) पार्टियों ने मणिपुर मामले में तीन सामान्य और जरूरी अनुरोध किए थे। पहला साल 2024 के खत्म होने से पहले मणिपुर की यात्रा करें, दिल्ली में सभी राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों को बुलाएं और मणिपुर में सीधे हस्तक्षेप करें, लेकिन प्रधानमंत्री ने इनमें से कोई भी कदम नहीं उठाया। कांग्रेस नेता ने कहा कि भले ही प्रधानमंत्री इनमें से कुछ करें, मगर वह संवैधानिक जिम्मेदारी से नहीं बच सकते, क्योंकि उन्होंने राजधर्म का पालन नहीं किया।