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2047 में भारत को विकसित बनाने में भारतीय कामगारों की अहम भूमिका रहेगी: पीएम मोदी

कुवैत प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘मैं लगातार इस बारे में सोचता रहता हूं कि मेरे देश के किसान, मजदूर कितनी कड़ी मेहनत करते हैं। जब मैं लोगों को कड़ी मेहनत करते देखता हूं तो मुझे लगता है कि अगर वे 10 घंटे काम कर सकते हैं तो मुझे भी 11 घंटे काम करना चाहिए।’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कुवैत में गल्फ स्पिक लेबर कैंप का दौरा किया, जहां उन्होंने कुवैत में काम कर रहे भारतीय कामगारों से मुलाकात की। इस मुलाकात में प्रधानमंत्री ने देश के विकास में भारतीय कामगारों के योगदान का जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा कि साल 2047 में भारत को विकसित बनाने में भारतीय कामगारों की अहम भूमिका रहेगी। ‘देश के किसान और मजदूर कड़ी मेहनत करते हैं’
प्रधानमंत्री ने भारतीय कामगारों के साथ बातचीत में कहा कि ‘जब मैं साल 2047 में विकसित भारत की बात करता हूं तो मैं ये इसलिए करता हूं क्योंकि अपने घर से इतनी दूर काम कर रहे भारत के मेरे मजदूर भाई भी ये सोचते हैं कि कैसे उनके गांव में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बन सकता है। ये महत्वकांक्षा ही मेरे देश की ताकत है।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘मैं लगातार इस बारे में सोचता रहता हूं कि मेरे देश के किसान, मजदूर कितनी कड़ी मेहनत करते हैं। जब मैं लोगों को कड़ी मेहनत करते देखता हूं तो मुझे लगता है कि अगर वे 10 घंटे काम कर सकते हैं तो मुझे भी 11 घंटे काम करना चाहिए। अगर वे 11 घंटे काम करते हैं तो मुझे भी 12 घंटे काम करना चाहिए। आप अपने परिवार के लिए कड़ी मेहनत करते हैं, मैं भी परिवार के लिए मेहनत करता हूं। 140 करोड़ देशवासी मेरा परिवार हैं, इसलिए मुझे थोड़ी ज्यादा मेहनत करनी होगी।’

‘गरीबों का सम्मान मेरे लिए सबसे अहम’
पीएम मोदी ने कहा कि ‘मेरे लिए विकास का मतलब सिर्फ सड़कें, हवाई अड्डे और रेलवे स्टेशन ही नहीं हैं बल्कि गरीबों के घर में शौचालय भी मेरे लिए विकास है। हमने देश में 11 करोड़ शौचालय बनाने का फैसला किया। गरीबों का पक्का मकान होना चाहिए। अब तक चार करोड़ पक्के मकान बन चुके हैं, जिनमें 15-16 करोड़ लोग रह रहे हैं, लेकिन अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। मैं लोगों को नल से जल देने की कोशिश कर रहा हूं। मेरे लिए गरीबों की गरिमा और सम्मान ही सबसे अहम है। उन्हें ये सभी चीजें मिलनी चाहिए।”