लोकसभा में अनुदानों की अनुपूरक मांगों के पहले बैच पर बहस का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि भारत ने “स्थिर और सतत” विकास देखा है और पिछले तीन वर्षों में इसकी सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि दर औसतन 8.3 प्रतिशत रही है।
सीतारमण ने कहा कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है। सीतारमण ने कहा कि दूसरी तिमाही की वृद्धि दर केवल एक “अस्थायी झटका” है और आने वाली तिमाहियों में अर्थव्यवस्था में अच्छी वृद्धि देखने को मिलेगी।
वित्त मंत्री ने आगे कहा कि विनिर्माण क्षेत्र में कोई व्यापक मंदी नहीं है। समग्र विनिर्माण क्षेत्र के आधे क्षेत्र मजबूत बने हुए हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में 6.7 प्रतिशत तथा जुलाई-सितंबर अवधि में 5.4 प्रतिशत बढ़ी।
मुद्रास्फीति के बारे में सीतारमण ने कहा कि एनडीए शासन में इस पर बेहतर नियंत्रण है, जबकि यूपीए के शासन में यह दोहरे अंक को छू गई थी। सीतारमण ने कहा कि बेरोजगारी दर 2017-18 में 6 प्रतिशत से घटकर अब 3.2 प्रतिशत हो गई है।
वित्त मंत्री ने कहा, “पिछले तीन वर्षों में भारत की जीडीपी वृद्धि दर औसतन 8.3 प्रतिशत रही है, इसमें स्थिर व सतत वृद्धि हुई है। हालांकि, उन्होंने कहा कि दूसरी तिमाही में वृद्धि में गिरावट केवल अस्थायी झटका है। आने वाली तिमाहियों में अर्थव्यवस्था में अच्छी वृद्धि देखने को मिलेगी।”
वित्त मंत्री ने कहा कि विनिर्माण क्षेत्र में कोई सामान्य मंदी नहीं है, आधे विनिर्माण क्षेत्र अब भी मजबूत वृद्धि के संकेत दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि अप्रैल से अक्तूबर 2024-25 के दौरान खुदरा मुद्रास्फीति 4.8 प्रतिशत रही, यह कोविड महामारी के बाद सबसे कम है।