Tuesday , December 17 2024
Breaking News

लोकसभा में बोले जे0पी0 नड्डा जब हम संस्कृति की बात करते हैं तो कई लोगों को लगता है कि हम प्रगतिशील नहीं हैं।

लोकसभा के बाद 16 दिसबंर से राज्यसभा में संविधान पर बहस शुरू हुई। शीतकालीन सत्र समाप्त होने में केवल 4 दिन बचे हैं, सरकार लोकसभा में एक राष्ट्र, एक चुनाव विधेयक पेश करने के लिए तैयार है। इन सब के बीच केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा दूसरे दिन बहस को जारी रखा। राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि तत्कालीन गृह मंत्री सरदार पटेल को देश को एकजुट करने का काम सौंपा गया था और मुझे बहुत खुशी हुई कि लंबे समय के बाद मैंने कांग्रेस की ओर से भी सरदार पटेल का नाम सुना। बहुत दिनों के बाद मैंने कांग्रेस के लोगों को महापुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के बारे में बोलते हुए सुना। उन्होंने 562 रियासतों को एकजुट किया और जम्मू-कश्मीर को तत्कालीन प्रधानमंत्री के लिए छोड़ दिया।

जेपी नड्डा ने कहा कि जब हम संस्कृति की बात करते हैं तो कई लोगों को लगता है कि हम प्रगतिशील नहीं हैं। मैं उनका ध्यान दिलाना चाहता हूं कि संविधान की मूल प्रति पर अजंता और एलोरा की गुफाओं की छाप भी थी। इस पर हमें कमल की छाप भी दिखाई देती है। कमल इस बात को दर्शाता है कि कीचड़ और दलदल से निकलकर आज़ादी की लड़ाई के बाद हम एक नई सुबह के साथ नए संविधान के साथ खड़े होने के लिए तैयार हैं इसीलिए हमारा संविधान भी हमें कमल से प्रेरणा देता है कि तमाम परेशानियों के बावजूद भी हम लोकतंत्र को मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

जेपी नड्डा ने कहा कि ये जो त्योहार हम मनाते हैं, ये एक प्रकार से संविधान के प्रति हमारे समर्पण को, संविधान के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को मजबूती प्रदान करता है… मुझे विश्वास है कि हम इस अवसर का सदुपयोग राष्ट्रीय लक्ष्य की पूर्ति में करेंगे। हम सभी जानते हैं कि भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र है लेकिन जैसा कि हमारे प्रधानमंत्री ने कहा कि यह न केवल सबसे बड़ा लोकतंत्र है बल्कि यह लोकतंत्र की जननी है।