लखनऊ। कांग्रेस और उसको चलाने वाले गांधी परिवार के सांसद सदस्यों राहुल गांधी एवं प्रियंका वाड्रा क्या अपराध और अपराधियों का धर्म और जाति देखकर किसी पीड़ित परिवार के साथ सहानुभूति जताते या दूरी बनाते हैं। ऐसा इसलिये कहा जा रहा है क्योंकि पीड़ितों के साथ खड़े होने के मामले में गांधी परिवार काफी चूजी हो गया है। वह संभल के दोषियों से तो मिलते हैं लेकिन बहराइच हिंसा में मारे गये हिन्दू युवक के परिवार से जाकर मिलना तो दूर उससे बात करना भी पसंद नहीं करते हैं।
बता दें गत दिनों दिल्ली में संभल के पीड़ितों से मिलने के बाद अब राहुल गांधी हाथरस के गांव बूलगढ़ी पहुंचे हैं। राहुल ने यहां चार वर्ष पूर्व हुए बलात्कार कांड के पीड़ित परिवार से मुलाकात की। बूलगढ़ी में 14 सितंबर, 2020 को अनुसूचित जाति की युवती पर हमला हुआ था। इसके भाई ने गांव के ही संदीप के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। बाद में युवती के बयानों के आधार पर गांव के तीन युवकों के नाम और धाराएं बढ़ाई गईं। बाद में युवती की मौत हो गई थी।
बता दें 29 सितंबर 2020 को युवती की दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत के बाद देशभर में प्रदर्शन हुए। इस दौरान राहुल व प्रियंका स्वजन से मिलने आए थे। स्थानीय न्यायालय से तीन आरोपितों को निर्दोष माना। संदीप को धारा 304 और एससी-एसटी एक्ट के तहत दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। पीड़ित परिवार की सुरक्षा सीआरपीएफ कर रही है। घटना के बाद सरकार से पीड़ित परिवार ने दिल्ली में सरकारी आवास और परिवार के एक सदस्य को नौकरी की मांग की थी।
राहुल गांधी का हाथरस आना बीजेपी को अच्छा नहीं लगा इसी लिये उसके नेता कह रहे हैं कि कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति और कांग्रेस का यह चेहरा एक बार फिर बेनकाब हुआ है। उन्हें हमास और फिलिस्तीन तो दिखता है, लेकिन बांग्लादेश में हिंदू नहीं दिखते। वे अराजकता फैलाने वालों के साथ बैठना पसंद करते हैं, लेकिन शांति को बढ़ावा देने के लिए कभी आगे नहीं आते।
राहुल गांधी के हाथरस दौरे पर उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा है कि राहुल गांधी लोगों को उकसाने की कोशिश कर रहे हैं। पहले संभल और अब हाथरस यात्रा के जरिए राहुल गांधी यूपी को अराजकता और दंगों की आग में झोंकना चाहते हैं। राहुल गांधी की हाथरस यात्रा को लेकर कानून व्यवस्था सख्त कर दी गई है। हाथरस के बूलगढ़ी गांव में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। सूत्रों के मुताबिक पीड़ित परिवार ने राहुल गांधी को एक पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया था कि सरकार ने जो वादा किया था, उसे पूरा नहीं किया।