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चुनाव आयोग ने शिकायतों के आधार पर उपचुनाव के बीच पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की, नौ सीटों पर वोटिंग के दौरान सात पुलिसवालों को सस्पेंड किया

नोएडा

चुनाव आयोग ने शिकायतों के आधार पर उपचुनाव के बीच पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की है। नौ सीटों पर वोटिंग के दौरान सात पुलिसवालों को सस्पेंड किया गया है। खुद अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट साझा कर ईसी से न्याय करने के लिए कहा था।

उत्तर प्रदेश उपचुनाव के बीच चुनाव आयोग ने बड़ी कार्रवाई की है। सूत्रों के अनुसार चुनाव आयोग ने मतदाताओं की जांच करने और उन्हें मतदान करने से रोकने के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वाले पुलिसकर्मियों को निलंबित करने का आदेश दिया। मिली जानकारी के मुताबिक,  मुरादाबाद में तीन और कानपुर में और मुजफ्फरनगर दो पुलिसवाले सस्पेंड किए गए हैं।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने उत्तर प्रदेश चुनाव अधिकारियों को निष्पक्ष और सुचारू मतदान प्रक्रिया सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। दरअसल, समाजवादी पार्टी ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर यूपी उपचुनाव के दौरान कुछ समुदायों को मतदान करने से रोकने की शिकायत की थी। इन शिकायतों का संज्ञान लेते हुए चुनाव आयोग ने यह कार्रवाई की है।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा एक्स पर एक वीडियो साझा किया गया है, जिसमें एक पुलिस कर्मी मतदाता की पर्ची फाड़ता दिख रहा है। कानपुर के एसआई अरुण सिंह और राकेश नादर निलंबित किए गए हैं। इनका मतदाता को वापस करने का वीडियो वायरल हुआ था। वोट न डालने देने के मामले का आयोग ने संज्ञान लिया है।
अखिलेश यादव ने पोस्ट किया कि उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा मतदातों को डराने का खौफ जारी है ताकि वह कानपुर के चमनगंज क्षेत्र में अपने मत का प्रयोग किसी के हक में न कर सकें। माननीय सर्वोच्च न्यायालय और निर्वाचन आयोग से अपील है कि वीडियो साक्ष्यों के आधार पर तत्काल संज्ञान लेते हुए दंडात्मक कार्रवाई करें। निष्पक्ष चुनावी प्रक्रिया को भी सुनिश्चित करें। जो भी पुलिस अधिकारी वोटर कार्ड और आधार आईडी चेक कर रहे हैं, उन्हें वीडियो के आधार पर तुरंत निलंबित किया जाए। पुलिस को आधार आईडी कार्ड या पहचान पत्र जाँचने का कोई अधिकार नहीं है।

यूपी के अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने भी जारी किए थे निर्देश
इससे पहले, यूपी के अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी चंद्रशेखर ने उपचुनाव से संबंधित सभी पुलिस आयुक्तों व अधीक्षकों और जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीएम) को जरूरी निर्देश जारी कर दिए थे। आयोग की ओर से अधिकारियों को जारी पत्र में कहा गया था कि समाजवादी पार्टी ने मतदाताओं की पहचान पुलिस बल द्वारा न किए जाने के संबंध में अनुरोध किया है।

इस संबंध में अवगत कराना है कि मतदान के दिन मतदाताओं की पहचान पीठासीन अधिकारी और उनकी टीम ही करती है। मतदाताओं की पहचान पुलिस बल नहीं करता है। पुलिस बल का मुख्य उद्देश्य मतदान के दिन शांति-व्यवस्था स्थापित किया जाना है। आयोग ने इन निर्देशों का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए थे, ताकि बूथ पर किसी तरह की अव्यवस्था उत्पन्न न हो। इसी तरह से हैंडबुक फॉर रिटर्निंग ऑफिसर-2023 में महिला व पर्दानशीं मतदाताओं की पहचान के संबंध में प्रावधान दिए गए हैं, उनका भी पालन सुनिश्चित किया जाए।