Thursday , November 21 2024
Breaking News

मणिपुर के जिरीबाम जिले में जारी हिंसा और बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा, सुरक्षाबलों के साथ संघर्ष में एक प्रदर्शनकारी की मौत

इंफाल

घटना रविवार रात की है, जब प्रदर्शनकारियों की एक भीड़ ने जिरीबाम पुलिस थाना इलाके में बाबूपारा इलाके में एक संपत्ति में तोड़फोड़ की। उसी दौरान गोली लगने से एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई।

मणिपुर के जिरीबाम जिले में जारी हिंसा और बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब ताजा मामले में सुरक्षाबलों के साथ संघर्ष में एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई है, जिससे तनाव के हालात पैदा हो गए हैं। दरअसल प्रदर्शनकारी एक संपत्ति में तोड़फोड़ कर रहे थे, उसी दौरान सुरक्षाबलों की गोली से एक युवक की मौत हो गई। पुलिस ने भी एक मौत की पुष्टि की है, लेकिन ये पता नहीं चला कि गोली किसने चलाई। वहीं चश्मदीदों का कहना है कि गोली सुरक्षाकर्मियों की तरफ से चली थी।

रविवार रात को भी जारी रहे विरोध प्रदर्शन
घटना रविवार रात की है, जब प्रदर्शनकारियों की एक भीड़ ने जिरीबाम पुलिस थाना इलाके में बाबूपारा इलाके में एक संपत्ति में तोड़फोड़ की। उसी दौरान गोली लगने से एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई। मृतक की पहचान के अथौबा के रूप में हुई है, जिसकी उम्र करीब 20 साल थी। जिरीबाम में महिलाओं और बच्चों को अगवा कर उनकी हत्या करने के बाद से बवाल जारी है। लोगों की भीड़ द्वारा जनप्रतिनिधियों के आवासों और कार्यालयों पर हमले रविवार को भी जारी रहे। रविवार को प्रदर्शनकारियों ने कांग्रेस और भाजपा के कार्यालयों के साथ ही जिरीबाम के निर्दलीय विधायक के घर में भी तोड़फोड़ और आगजनी की।

इंफाल घाटी में इंटरनेट बंद और कर्फ्यू के हालात
इससे पहले रविवार को जिरीबाम में एक और व्यक्ति का शव मिला था, जिसकी पहचान अभी नहीं हो पाई है और शव को जिला अस्पताल में रखा गया है। इंफाल घाटी में असहज शांति बनी हुई है, जहां प्रदर्शनकारियों द्वारा कई मंत्रियों और विधायकों की संपत्ति में तोड़फोड़ और आगजनी के बाद कर्फ्यू लागू है और इंटरनेट सेवाएं निलंबित हैं। रविवार को दवा की दुकानों को छोड़कर अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे और सार्वजनिक परिवहन भी बंद रहा। सुरक्षा बलों ने इंफाल के कई हिस्सों में गश्त तेज कर दी है और खासकर विधायकों के कई आवासों के साथ-साथ सचिवालय, राज्य भाजपा मुख्यालय और राजभवन की ओर जाने वाली सभी प्रमुख सड़कों पर तैनाती बढ़ा दी है।

एनपीपी ने भाजपा सरकार से वापस लिया समर्थन
वहीं 60 सदस्यीय मणिपुर विधानसभा में सात विधायकों वाली नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ने रविवार को भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस ले लिया। पार्टी ने दावा किया कि एन बीरेन सिंह सरकार पूर्वोत्तर राज्य में ‘संकट को हल करने और सामान्य स्थिति बहाल करने में पूरी तरह विफल रही है।’ हालांकि, समर्थन वापस लेने से भाजपा सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि भगवा पार्टी के पास अपने 32 विधायकों के साथ बहुमत है। भाजपा को नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के पांच विधायकों और जेडी(यू) के छह विधायकों का भी समर्थन प्राप्त है।

जिरीबाम में एक शिविर से छह लोगों के लापता होने और बाद में उनके शव मिलने के बाद से मणिपुर में हिंसा का नया दौर शुरू हो गया है। इससे पहले सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में 10 कुकी युवकों की मौत हो गई थी। पिछले साल मई में मैतेई और कुकी-जो समूहों के बीच जातीय हिंसा शुरू हुई थी, जिसमें अब तक 220 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।