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आयोग की परीक्षा को लेकर इससे पहले कभी इतना बड़ा आंदोलन नहीं देखा, आंदोलन की अगुवाई करने वालों ने कहा कि लगातार चार दिनों तक हजारों छात्रों के संयमित आंदोलन ने तस्वीर बदल दी

प्रयागराज

आयोग की परीक्षा को लेकर इससे पहले कभी इतना बड़ा आंदोलन नहीं देखा। आयोग के आसपास रहने वाले और आंदोलन की अगुवाई करने वालों ने कहा कि लगातार चार दिनों तक हजारों छात्रों के संयमित आंदोलन ने तस्वीर बदल दी।उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग (यूपीपीएससी) के सामने टीबी सूप्री रोड पर 25 वर्षों से रह रहे आरपी सिंह ने आयोग की परीक्षा को लेकर कभी इतना बड़ा आंदोलन नहीं देखा। वहीं, पूर्व में तमाम आंदोलनों का नेतृत्व कर चुके प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडेय का मानना है कि छात्रों के संयमित आंदोलन से ही तस्वीर बदल सकी।

इससे पूर्व वर्ष 2013 में त्रिस्तरीय आरक्षण और आयोग में भ्रष्टाचार के मसले पर आंदोलन की अगुवाई करने वाले प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडेय का कहना है कि आंदोलन में शामिल हजारों अभ्यर्थियों का संयमित व्यवहार तारीफ के काबिल है।

उत्तर प्रदेश में किसी भर्ती के लिए शायद यह पहला आंदोलन होगा, जो लगातार शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा है। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय का कहना है कि इस आंदोलन की चिंगारी प्रयागराज से निकलकर मेरठ, लखनऊ, जालौन, गोरखपुर समेत प्रदेश के कई दूसरे जिलों तक पहुंच गई है। पीसीएस परीक्षा को लेकर जीत मिली है, अब आरओ/एआरओ परीक्षा के मसले पर भी छात्र अपना हक लेकर रहेंगे।
इससे पहले भर्ती के लिए कब-कब हुए बड़े आंदोलन
– 1996 में स्केलिंग व्यवस्था लागू कराने के लिए छात्र कर्फ्यू लगा था। पूरे दिन शहर में ज्यादातर लोग घरों से बाहर नहीं निकले थे।
– 2001 में पीसीएस परीक्षा के परिणाम में कुछ विषयों में एक भी अभ्यर्थी का चयन होने पर दो दिन आंदोलन चला था। आयोग ने छात्रों से फॉर्म भरवाया था कि जांच होगी लेकिन आंदोलन बेनतीजा साबित हुआ
– 2006 में स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी भर्ती परीक्षा में धांधली को लेकर आयोग का कई दिनों तक घेराव किया गया। बहुत से छात्रों को जेल भेजकर आंदोलन खत्म करा दिया गया था।
– 2013 से 2016 तक आयोग की ओर से लागू त्रिस्तरीय आरक्षण, आयोग में भ्रष्टाचार, पेपर लीक के खिलाफ, आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष अनिल यादव को हटाने और परीक्षाओं की सीबीआई जांच के लिए भी आंदोलन किए गए।
– 2014 में एसएससी के रिजल्ट में धांधली को लेकर एक माह तक आंदोलन चला और रिजल्ट बदलना पड़ा।
– 2017 में माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में भर्ती की अनियमितता, परीक्षा कराने आदि को लेकर 12 दिनों तक आंदोलन चला।
– 2024 में आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा-2023 में पेपर लीक के खिलाफ आंदोलन किया गया और परीक्षा निरस्त की गई।
आयोग के बाहर शांतिभंग करने में 17 हिरासत में, 12 को चालान
उप्र लोक सेवा आयोग के बाहर चल रहे आंदोलन के दौरान बृहस्पतिवार सुबह हुए हंगामे के मामले में पुलिस ने 17 लोगों को हिरासत में लिया है। इनमें से 12 का शांतिभंग में चालान किया गया है। इनमें आशुतोष पांडेय व राजन त्रिपाठी भी शामिल हैं। शेष पांच को अलग अलग स्थानों पर रखकर पूछताछ की जा रही है। पुलिस का कहना है कि धरना प्रदर्शन के दौरान बृहस्पतिवार सुबह आंदोलनकारियों की भीड़ में शामिल कुछ लोगों ने छात्रों को उकसाने का प्रयास किया। उन्हें उग्र होने के लिए उकसाया। मना करने पर पुलिस से भी नोकझोंक की।
यही नहीं सुरक्षा व्यवस्था के लिए की गई बैरिकेडिंग को भी तोड़ने का प्रयास किया। इसके बाद कुल 17 लाेगों को मौके से हिरासत में लिया गया। इनमें से 12 का शांतिभंग में चालान किया गया है।
धरने के नेतृत्वकर्ता छात्रों को ले गई पुलिस’
प्रतियोगी छात्रों का आरोप है कि पुलिस ने जिन लोगों को हिरासत में लिया, वह धरने के नेतृत्वकर्ता थे। इनमें आशुतोष पांडेय, राजन त्रिपाठी, आनंद मिश्रा शामिल हैं। इन्हें कहां ले जाया गया, यह भी नहीं बताया गया। देर शाम तक इनकी कोई खोज-खबर नहीं दी गई।
सुबह 50-60 की संख्या में छात्र-छात्राएं शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान वहां कुछ अराजक तत्व पहुंचे जो प्रशासन को प्रदर्शनकारी छात्र-छात्राओं से संवाद स्थापित करने में बाधा उत्पन्न कर रहे थे। ऐसे लोगों को हिरासत में लिया गया है। शांतिभंग में 12 के खिलाफ कार्रवाई की गई है। किसी भी छात्रा को हिरासत में नहीं लिया गया है। -अभिषेक भारती, डीसीपी नगर
हंगामे के बाद दो ड्रोन उड़ाए, अपार्टमेंट की छतों से निगरानी
सुबह हुए हंगामे के बाद पुलिस की ओर से प्रदर्शन स्थल व लाेकसेवा आयोग के आसपास सुरक्षा और कड़ी कर दी गई। इस दौरान वहां सर्विलांस के लिए दो ड्रोन कैमरे उड़ाए गए। प्रदर्शनकारियों की भीड़ के बैरिकेडिंग तोड़कर आयोग गेट नंबर दो के बाहर पहुंचने से लेकर देर शाम तक आयोग अफसरों की ओर से घोषणा किए जाने तक ड्रोन से निगरानी की जाती रही। पुलिसकर्मी आसपास मौजूद अपार्टमेंट की छतों से ड्रोन के जरिए चप्पे-चप्पे पर नजर बनाए रहे। इस दौरान एक-एक गतिविधि की रिकॉर्डिंग भी कराई गई।