बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ बुलडोजर एक्शन पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा कि कार्यपालिका न्यायाधीश नहीं बन सकती है। बिना प्रक्रिया आरोपी का घर तोड़ना असंवैधानिक है। यहां तक कि दोषी पाए जाने पर भी सजा के तौर पर उनकी संपत्ति नष्ट नहीं की जा सकती है। सुनवाई से पहले आरोपी को दंडित नहीं किया जा सकता है। अधिकारियों द्वारा पद का दुरुपयोग करने पर उन्हें दंडित किया जाएगा और घर तोड़ने पर संतुष्ट करना होगा कि यही एकमात्र न्याय का मार्ग है।
ये प्रदेश सरकार को तमाचा
आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष व सांसद चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि ये भाजपा की उत्तर प्रदेश की सरकार को जोरदार तमाचा है कि बिना दोषी सिद्ध हुए या कोर्ट के निर्णय के आप किसी का घर नहीं गिरा सकते हैं… मैं इसके लिए सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद करता हूं।