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हरदोई में भीषण सड़क हादसा: ऑटो पलटने से 11 लोगों की मौत , दर्दनाक सड़क हादसे से चीत्कार मची

हरदोई

हरदोई के बिल्हौर-कटरा राज्य राजमार्ग पर बुधवार दोपहर में हुआ हादसा इतना भीषण था कि ऑटो सवार ज्यादातर लोगों को चीखने का भी मौका नहीं मिला। ऑटो पलटा और दबकर 11 लोगों की जान चली गई। इनमें से सात लोगों की मौत मौके पर ही हो गई। मरने वाले सभी ऑटो में सवार थे। कोई अपने करीबी की मौत की सूचना पर दुख व्यक्त कर घर जा रहा था तो कोई महिला मायके जा रही थी। एक परिवार का इकलौता बेटा दवा लेने के लिए निकला था, लेकिन मौत ने रास्ते में ही दबोच लिया।
Hardoi Accident News Auto overturned in Hardoi 13 passengers in auto, more than its capacity
इकलौते बेटे की मौत से बदहवास हो गए माता-पिता
माधौगंज कस्बे के पटेल नगर पूर्वी निवासी सत्यम कुशवाहा (20) बीएससी द्वितीय वर्ष का छात्र था। उसके पिता पप्पू पुताई का काम करते हैं, जबकि मां ज्ञानवती आशा कार्यकर्ता हैं। सत्यम माता-पिता का इकलौता पुत्र था। उसे दो दिन से बुखार आ रहा था। राहत न मिलने पर वह दवा लेने के लिए हरदोई जा रहा था। ऑटो से बिलग्राम में उतरकर उसे हरदोई के लिए बस लेनी थी। बिलग्राम पहुंचने से पहले ही सड़क हादसे में उसकी मौत हो गई। मां ज्ञानवती और पिता पप्पू शव देखकर बदहवास हो गए।
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मां-बेटी को हरदोई से बरेली जाने के लिए पकड़नी थी ट्रेन
दुर्घटना में जान गंवाने वाली पटियनपुरवा निवासी सुनीता और उनकी बेटी आशी का इंतजार बरेली में हो रहा था। वह दोनों तो नहीं पहुंचे, लेकिन उनकी मौत की जानकारी पहुंच गई। दरअसल, सुनीता का मायका बरेली में है। भैयादूज पर सुनीता घर नहीं जा पाई थी। बुधवार को वह बेटी आशी के साथ बरेली जाने के लिए निकली थी। माधौगंज से ऑटो में सवार होकर बिलग्राम जा रही थी। बिलग्राम से हरदोई बस से और फिर हरदोई से ट्रेन से बरेली जाना था। सुनीता का पति आलोक खेती करते हैं। एक पुत्र उमंग (15) विद्यार्थी है।
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बिलग्राम कोतवाली क्षेत्र के इटौली गांव निवासी नीलम (60) का ननिहाल मल्लावां कोतवाली क्षेत्र के महनेपुर गांव में है। नीलम के ममेरे भाई की मौत मंगलवार को हो गई थी। दुख जताने के लिए नीलम अपने भतीजे राकेश की पत्नी राधा और राधा की बहन अल्लीगढ़ निवासी निर्मला के साथ महनेपुर गई थीं। बुधवार की सुबह नीलम के देवर गोकरन ने उसे राधा और निर्मला के साथ महनेपुर मोड़ से बिलग्राम जाने के लिए ऑटो पर बैठाया था। गोकरन ने गांव पहुंचकर मिलने की बात कही थी, लेकिन निर्मला, नीलम और राधा का यह आखिरी सफर हो गया।