नई दिल्ली: भारतीय उड़ानों में बम होने की धमकी की गंभीरता का आकलन करने के लिए नए दिशानिर्देशों में कुछ महत्वपूर्ण बातें शामिल की हैं। अब सोशल मीडिया पर धमकी देने वाले का नाम, भू-राजनीतिक स्थिति और और विमान में वीआईपी आदि का भी ध्यान रखा जाएगा।
नागरिक उड्डयन ब्यूरो (बीसीएएस) ने यह नए दिशानिर्देश जारी किए हैं, ताकि सुरक्षित हवाई यात्रा में सुधार किया जा सके। हाल के दिनों में 510 से ज्यादा घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को बम से उड़ानें की धमकियां मिलीं, जो बाद में झूठी साबित हुईं। ये धमकियां ज्यादातर गुमनाम सोशल मीडिया खातों से आई थीं, जिससे उड़ानों के संचालन में काफी दिक्कते आईं। साथ ही उड़ानों को वित्तीय संकटों का भी सामना करना पड़ा।
बीटीएसी में शामिल होते हैं विभिन्न एजेंसियों के अधिकारी
मौजूदा अभ्यास के अनुसार, जब किसी उड़ान में बम की धमकी आती है, तो एक समिति बनाई जाती है। जिसे बम धमकी आकलन समिति (बीटीएसी) कहा जाता है। यह समिति तय करती है कि धमकी असली है या झूठी। इस समिति में बीसीएएस, सीआईएसएफ, स्थानीय पुलिस, एयरपोर्ट और एयरलाइन और अन्य एजेंसियों के अधिकारी शामिल होते हैं।
बहु स्तरीय दृष्टिकोण अपनाएगी बीटीएसी
नए दिशानिर्देशों के अनुसार बीटीएसी एक बहु स्तरीय दृष्टिकोण अपनाएगी, ताकि सोशल मीडिया पर दी गई धमकी की विश्वसनीयता और गंभीरता का आकलन किया जा सके। समिति खतरों का विश्लेषण करेगी और देखेगी कि क्या धमकी देने वाला किसी आतंकवादी संगठन से जुड़ा है। इसले अलावा, अगर उड़ान में कोई वीआईपी है तो इस बात को भी ध्यान में रखेगी।
झूठी साबित हुईं 400 से ज्यादा बम धमकी
एक वरिष्ठ विमानन सुरक्षा अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि पिछले दिनों में 400 से ज्यादा बम धमकियों को झूठा बताया गया है। इससे यात्रियों और उड़ानों को राहत मिली। उन्होंने पहले हर धमकी को गंभीरता से लिया जाता था, जिससे संसाधनों पर दबाव पड़ता था। अब नए दिशानिर्देशों से प्रक्रिया में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बम की धमकी की प्रत्येक घटना का सही तरीके से मूल्यांकन किया जाएगा, जिससे सुरक्षित हवाई यात्रा में सुधार हो सके।