गुवाहाटी: संघर्ष विराम पर्यवेक्षण बोर्ड (सीएफएसबी) के अध्यक्ष अमरजीत सिंह बेदी ने एनएससीएन-के के निक्की सुमी गुट पर संघर्ष विराम के उल्लंघन का आरोप लगाया है। बेदी ने गुट पर दो नगा युवकों का अपहरण करने का आरोप लगाया है। आरोप है कि 10 अक्टूबर को कथित तौर पर अवैध कर मांग को लेकर दीमापुर से दो युवकों का अपहरण किया गया था।
सीएफएसबी अध्यक्ष ने की अहम बैठकें
बेदी ने सोमवार को चुमौकेदिमा स्थित पुलिस परिसर में एनएससीएन-के (निक्की सुमी), दीमापुर स्थित नागरिक समाज संगठनों और युवा निकायों के प्रतिनिधियों के साथ अलग-अलग बंद कमरे में बैठक की। सीएफएसबी के अध्यक्ष ने बैठक के बाद कहा कि एनएससीएन-के के निक्की सुमी गुट को संघर्ष विराम के आधारभूत नियमों के उल्लंघन के साथ-साथ संघर्ष विराम कार्यालय के दुरुपयोग का जिम्मेदार पाया गया है। उन्होंने कहा कि समूह ने लिखित रूप से सहमति व्यक्त की है कि वे सभी आधारभूत नियमों का पालन करने के लिए तैयार हैं।
2021 में हुआ था केंद्र और एनएससीएन-के के बीच समझौता
बेदी ने कहा कि उन्होंने एनएससीएन-के निक्की सुमी समूह से कहा कि अपहरण में शामिल लोगों को पकड़ने के लिए हर संभव प्रयास करें, जिन्होंने व्यक्तिगत रूप से यह काम किया हो और उन्हें पुलिस को सौंप दें ताकि कानून के अनुसार उनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जा सके। बेदी ने कहा कि केंद्र और एनएससीएन-के (निक्की सुमी) ने साल 2021 में संघर्ष विराम समझौते पर हस्ताक्षर किए थे और उसके बाद पिछले महीने इसे एक साल की अवधि के लिए बढ़ा दिया था। उन्होंने कहा कि समझौते पर शांति, आपसी समझ और पार्टियों के बीच विश्वास लाने के उद्देश्य से हस्ताक्षर किए गए थे ताकि नागा राजनीतिक मुद्दे को शांतिपूर्ण माहौल में सुलझाया जा सके।
बेदी ने कहा कि सीएफएसबी के अध्यक्ष के रूप में वे यह सुनिश्चित करेंगे कि केंद्र के साथ संघर्ष विराम समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले नागा राजनीतिक समूहों द्वारा निर्धारित संघर्ष विराम नियमों का पालन किया जाए। उन्होंने कहा कि अगर कोई समूह समझौते का उल्लंघन करता है, तो उन्हें गैरकानूनी गतिविधियों के लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा। केंद्र ने पांच समूहों के साथ संघर्ष विराम समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। हालांकि, एनएससीएन-के का निक्की सुमी गुट नागा राजनीतिक मुद्दे को सुलझाने के लिए बातचीत में शामिल नहीं हुआ है।