नई दिल्ली: भाजपा के राज्यसभा सांसद और प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने सोमवार को कांग्रेस के शीर्ष नेताओं को निशाने पर लेते हुए गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस का पूरा शीर्ष नेतृत्व भूमि लेनदेन से संबंधित भ्रष्टाचार में शामिल है। इसी के साथ उन्होंने सुझाव दिया कि बेनकाब होने के बाद कांग्रेस नेताओं को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। दरअसल, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के परिवार ने हाल ही में कर्नाटक उद्योग क्षेत्र विकास बोर्ड (केआईएडीबी) को चिट्ठी लिखकर अपील की थी कि वह परिवार के ट्रस्ट को आवंटित की गई पांच एकड़ जमीन वापस ले ले। इसी को लेकर भाजपा ने कांग्रेस के शीर्ष नेताओं को घेरा।
बता दें कि मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे राहुल खरगे इस ट्रस्ट के मालिक हैं। उन्होंने यह कदम कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती द्वारा 14 स्थलों को मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (मुदा) को लौटाने के बाद उठाया। मुदा घोटाने मामले में लोकायुक्त पुलिस ने सिद्धारमैया, उनकी पत्नी और भाई के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
भाजपा ने कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को घेरा
भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि यह निर्णय सीएजी रिपोर्टों और कानूनी कार्यवाही के कारण लिया गया। उन्होंने आगे बताया कि यह इस बात का सबूत है कि इस मामले में लेनदेन गलत तरीके से किया गया था। भाजपा सांसद ने कहा कि अपमान से बचने के लिए ऐसा फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा कि इन नेताओं को बेनकाब करना चाहिए। सुधांशु त्रिवेदी ने आरोप लगाते हुए कहा, “पार्टी जो कभी महात्मा गांधी और विनोबा भावे के भू-दान से जुड़ी थी, वही अब सोनिया गांधी और राहुल गांधी से प्रेरणा लेते हुए भू-हड़प (जमीन हड़पने) में लगी हुई है।”
भाजपा सांसद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि दोनों गांधी (सोनिया और राहुल गांधी) नेशनल हेराल्ड केस के आरोपी हैं। उन्होंने आगे कहा, “जमीन से जुड़े ऐसे आरोप अशोक गहलोत, भूपेश बघेल, और कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार समेत अन्य लोगों के खिलाफ लगाए गए हैं। इससे स्पष्ट होता है कि कांग्रेस का पूरा शीर्ष नेतृत्व जमीन घोटाला समेत भ्रष्टाचार में शामिल है।” सुधांशु त्रिवेदी ने सवाल करते हुए कहा, “क्या ऐसे नेताओं को इस्तीफा नहीं देना चाहिए?” उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की तथाकथित ‘मोहब्बत की दुकान किसी भू-माफिया की दुकान से कम नहीं लगती।