बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हमलों की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। हालात ये हैं कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के लोग शांति से दुर्गा पूजा उत्सव भी नहीं मना पाए और दुर्गा पूजा पंडालों को कट्टरपंथियों द्वारा निशाना बनाने की 35 घटनाएं हुईं। पुलिस ने बताया कि नवरात्रि उत्सव के दौरान बीते एक महीने में पूरे देश में दुर्गा पूजा पंडालों में 35 अप्रिय घटनाएं हुई हैं।
17 लोगों को गिरफ्तार किया गया
गौरतलब है कि इससे एक दिन पहले ही बांग्लादेश के प्रसिद्ध जेशोरेश्वरी मंदिर में मां काली का मुकुट चोरी होने की घटना घटी थी। यह मुकुट प्रधानमंत्री मोदी ने साल 2021 में बांग्लादेश दौरे पर मां काली की प्रतिमा को भेंट किया था। ढाका के इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस मोहम्मद मोइनुल इस्लाम ने बताया कि ‘1 अक्तूबर के बाद से दुर्गा पूजा पंडालों में 35 अप्रिय घटनाएं दर्ज हुई हैं। इन मामलों में 11 एफआईआर दर्ज हुई हैं और 24 मामले जनरल डायरी में दर्ज किए गए हैं। इन मामलों में पुलिस ने 17 लोगों को गिरफ्तार किया है।’
आईजीपी इस्लाम ने आश्वासन दिया कि पुलिस के पास घटनाओं के लिए जिम्मेदार लोगों का रिकॉर्ड है और कहा कि इन घटनाओं में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ कानून के मुताबिक कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले गुरुवार को ढाका से लगभग 250 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में चटगांव के जत्रा मोहन सेन हॉल में दुर्गा पूजा मंडप के मंच पर आधा दर्जन लोगों ने इस्लामी क्रांति का आह्वान करते हुए एक गीत गाया, जिससे व्यापक आक्रोश फैल गया। सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर खूब चर्चा हुई और बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति को लेकर चिंता जाहिर की गई। इस घटना को लेकर आईजीपी ने कहा कि घटना की जांच की जा रही है।
चटगांव की घटना पर हिंदू समुदाय में रोष
इस बीच, सरकारी समाचार एजेंसी बांग्लादेश संगबाद संघ (बीएसएस) ने कहा कि तीनों सेनाओं के प्रमुख सेना प्रमुख जनरल वाकर-उज-जमा, नौसेना प्रमुख एडमिरल एम नजमुल हसन और वायु सेना प्रमुख एयर मार्शल हसन महमूद खान ने शुक्रवार को ढाका में रमना काली मंदिर का दौरा किया। युवा और खेल सलाहकार आसिफ महमूद सजीब भुइयां ने शुक्रवार को खुलना में गल्लामारी हरिचंद टैगोर मंदिर और बागमारा गोविंदा मंदिर में दुर्गा पूजा पूजा मंडपों में हिंदू समुदाय के सदस्यों के साथ शुभकामनाएं साझा कीं। रविवार को मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस राष्ट्रीय राजधानी के मध्य में स्थित प्रमुख शक्तिपीठों में से एक, सदियों पुराने ढाकेश्वरी राष्ट्रीय मंदिर का दौरा करेंगे।