बरेली: मेट्रो संचालन के लिए जमीन की मजबूती परखने जयपुर से टीम बरेली आ गई है। यह टीम 30 मीटर गहराई तक की मिट्टी की गुणवत्ता परखेगी। दो चरणों में प्रस्तावित मेट्रो संचालन के लिए टीम कुल 18 बिंदुओं पर पड़ताल करेगी।रिपोर्ट से यह साफ होगा कि मेट्रो के पिलरों का भार उठाने के लिए यहां की जमीन सक्षम है या नहीं। दो साल पहले शुरू हुई शहर में मेट्रो संचालन की कवायद अब धरातल पर उतरती नजर आ रही है। शहर में पहले चरण में 12 किमी और दूसरे चरण में 9.5 किमी रूट पर मेट्रो के संचालन की योजना बनाई गई है।
शासन ने बीडीए को मेट्रो की डीपीआर से लेकर नक्शे और रूट के सर्वेक्षण तक की जिम्मेदारी सौंपी थी। बीडीए (बरेली विकास प्राधिकरण) ने राइट्स (रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विस) को इसकी जिम्मेदारी दी है। 25 सितंबर को बीडीए और राइट्स के अधिकारियों की बैठक भी हुई थी। अब जमीन के सर्वेक्षण के लिए बुधवार को जयपुर की टीम शहर आ गई है।
ये हैं प्रस्तावित कॉरिडोर
पहला चरण : 12 किमी
जंक्शन, चौकी चौराहा, गांधी उद्यान, सेटेलाइट बस अड्डा, बीसलपुर चौराहा, तुलसीनगर, विश्वविद्यालय, सौ फुटा, फीनिक्स मॉल, सन सिटी से बैरियर टू तक।
दूसरा चरण : 9.5 किमी
चौकी चौराहे से पटेल चौक, कुतुबखाना बाजार, कोहाड़ापीर, डीडीपुरम, डेलापीर सब्जी मंडी, आईवीआरआई, नार्थ सिटी एक्सटेंशन से बैरियर टू तक।
पानी के लिए खड़ी रही टीम, निगम की ओर से नहीं भेजा गया टैंकर
दरअसल, जमीन की गहराई की जांच करने पहुंची टीम को मशीनों के साथ पानी की जरूरत होती है। ऐसे में टीम ने सुबह ही नगर निगम से पानी की व्यवस्था करने के लिए आग्रह किया था। टीम के साथ आए अधिकारियों ने बताया कि सुबह से वह पानी का इंतजार कर रहे हैं। अपराह्न तीन बजे तक टीम को पानी नहीं मिल सका था।
इस सप्ताह मिलेगी दूसरे चरण की डीपीआर
शहर में मेट्रो संचालन पर तीन से पांच हजार करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इसके तहत जमीन अधिग्रहण से लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के साथ ऑपरेशन व मेंटीनेंस भी किया जाएगा। राइट्स कंपनी पहले चरण की डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार कर बीडीए के अधिकारियों को सौंप चुकी है। दूसरे चरण की डीपीआर भी इसी सप्ताह बीडीए के अधिकारियों को दे दी जाएगी।