आरजी कर अस्पताल में अपने सहकर्मी के साथ दुष्कर्म और हत्या के विरोध में आंदोलन कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा उत्सव के बीच गुरुवार को पांचवें दिन भी आमरण अनशन जारी रखा। दोपहर 2.30 बजे, कई मेडिकल कॉलेजों के नौ जूनियर डॉक्टरों का अनशन शुरू हुए 113 घंटे हो गया। बता दें कि जूनियर डॉक्टरों ने शनिवार शाम को कोलकाता के मध्य में धर्मतला में डोरीना क्रॉसिंग पर आमरण अनशन शुरू किया, जिसके बाद स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह ठप हो गई थीं। राज्य सरकार ने बुधवार शाम को प्रदर्शनकारियों के साथ बैठक की, लेकिन ये बैठक गतिरोध खत्म करने में विफल रही।
मुख्य सचिव के साथ बैठक रही विफल
मुख्य सचिव मनोज पंत की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद, प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने आरोप लगाया कि उन्हें राज्य सरकार से जुबानी आश्वासन के अलावा कुछ भी नहीं मिला। डॉक्टरों ने शहर में कुछ दुर्गा पूजा पंडालों के बाहर प्रदर्शन कर रहे और पर्चे बांट रहे उनके साथियों और कुछ अन्य युवक-युवतियों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस की आलोचना भी की है। उन्होंने कहा कि वे प्रदर्शन के लिए गिरफ्तार किए गए लोगों को पूरा कानूनी समर्थन देंगे।
दोपहर में जब गिरफ्तार किए गए लोगों को अलीपुर की एक अदालत में पेश किया गया, तो कुछ डॉक्टरों ने पुलिस के खिलाफ नारे लगाते हुए प्रदर्शन किया। उन्होंने आरोप लगाया कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन को तोड़ने के लिए पुलिस ने झूठे मामले दर्ज किए हैं।
डॉक्टरों के साथ एकजुट हुए तमाम लोग
वहीं नवरात्रि की सप्तमी के पावन अवसर पर जब शहर भर में दुर्गा पूजा पंडालों में चहल-पहल थी, तब भी बड़ी संख्या में लोग डॉक्टरों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए डोरीना क्रॉसिंग विरोध स्थल पर एकत्र हुए। पत्रकारों से बात करते हुए, अनशन पर बैठे एक डॉक्टर के पिता ने कहा हम एक बड़े उद्देश्य के लिए उनका समर्थन कर रहे हैं। अगर राज्य सरकार उनकी मांगों पर सहमत हो जाती है तो यह सिर्फ 10 मिनट की बात है।