मेरठ। कल दोपहर 12:35 मिनट पर सिटी स्टेशन से निकलते ही हमलावरों ने कोचुवेली-देहरादून एक्सप्रेस के जनरल कोच पर कब्जा जमा लिया। करीब 4 मिनट 48 सेकेंड तक हमलावरों ने खूनी खेल खेला। निशाना कोच में सवार सहारनपुर के युवक थे।
चलती ट्रेन में खूनखराबा होते देख यात्रियों में चीख पुकार मची तो कासमपुर गांव के लोग भी ट्रेन के साथ दौड़ लिए। इस बीच हमलावर ट्रेन की चेन खींचकर कूदे तो सामने लोगों को देखकर उन्होंने खून से सने चाकू लहरा दिए। जिसके चलते किसी की उन्हें रोकने की हिम्मत नहीं हुई।
सामान्य डिब्बे का हाल देखकर कासमपुर के लोगों के होश उड़ गए। नासिर का शव ट्रेन में फर्श पर पड़ा था, जबकि अन्य साथी यात्री खून से लथपथ सीट पर लेटे कराह रहे थे। लोगों ने जीआरपी को सूचना दी। ट्रेन में दूसरे समुदाय के लोगों पर हमला होने की जानकारी लगते ही सिटी और कैंट स्टेशन पर खलबली मच गई।
कंकरखेड़ा, सदर बाजार और लालकुर्ती थाने की पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। आनन-फानन में घायलों को जीआरपी ने अस्पताल पहुंचाया। चलती ट्रेन में युवक के कत्ल की खबर लखनऊ तक पहुंची तो आला अफसरों ने रिपोर्ट लेनी शुरू कर दी। मामला दो समुदाय से जुड़े होने पर आला अफसरों में खलबली मच गई। एसपी सिटी ओपी यादव, एएसपी सिद्धार्थ मीणा समेत कई थानों की पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची।
15 मिनट तक कराहते रहे यात्री
चाकू लगने से लहूलुहान हुए यात्री करीब 15 मिनट तक कराहते रहे। जीआरपी और पुलिस पहुंच गई, लेकिन एंबुलेंस नहीं पहुंची। लोगों ने बताया कि अगर समय से नासिर को इलाज मिल जाता तो उसकी जान बच सकती थी। घायल लोग अपनी जान बचाने की खातिर सीटों के नीचे तक घुसे, लेकिन हमलावरों ने उनको वहां पर भी नहीं बख्शा।
जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि घायलों को बेरहमी से चाकू से गोदा गया। हर युवक पर चाकू से चार से पांच वार किए गए। हमला सभी लोगों की हत्या करने के इरादे से किया गया। नासिर के सीने पर हमलावरों ने चाकू से ताबड़तोड़ वार किए। पांच वार काफी करीब से किए गए, जिसके चलते उसने दम तोड़ा। घायलों का कहना कि हमले के दौरान कोई यात्री सामने नहीं आया। सभी हमलावरों के हाथों में चाकू और लाठी-डंडे थे।
सीसीटीवी कैमरे में कैद आरोपी
एसपी सिटी ओपी यादव का दावा कि सिटी स्टेशन पर दो युवक अन्य आरोपियों का सामान लेकर गए हैं, जोकि सीसीटीवी कैमरे में कैद हुए हैं। घटनास्थल के पास भी सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ है। पुलिस सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगालने में जुटी है। घायलों ने दो सिख यात्रियों का भी घायल होना बताया गया है। उनकी तलाश में कई अस्पताल खंगाले गए। देर रात तक दोनों सिख यात्रियों का पता नहीं चला।
दोनों पक्षों का विवाद तो कोटा में शनिवार रात करीब 11:30 बजे शुरू हुआ था। दोनों में टकराव की स्थिति बनी थी, लेकिन यात्रियों ने स्थिति को संभाल लिया था। मेरठ के युवक सहारनपुर के युवकों को सबक सिखाने के लिए रात भर प्लान बनाते रहे। मेरठ में ट्रेन पहुंचने से पहले हमलावरों ने अपने साथियों को फोन करके सिटी स्टेशन पर बुलाया। सामान भी सुरक्षित पहुंचाया और उसके बाद सहारनपुर के युवकों पर जानलेवा हमला बोला। ट्रेन में विवाद चल रहा है, इसकी भनक जीआरपी को नहीं लगी।
सामरिक दृष्टि से अति संवेदनशील होने के बावजूद मेरठ कैंट रेलवे स्टेशन पर जीआरपी और आरपीएफ की चौकी नहीं है। इसका फायदा वारदात करने वाले आराम से उठाकर आसानी से फरार हो जाते हैं। अगर स्टेशन पर दोनों फोर्स में से किसी एक की भी चौकी होती तो कोचुवेली-देहरादून एक्सप्रेस में वारदात करने वाले पकड़ में आ सकते थे।
सैन्य क्षेत्र में होने के चलते कैंट रेलवे स्टेशन को सामरिक दृष्टि से अति संवेदनशील माना जाता है। उत्तर रेलवे ने इस स्टेशन को ए श्रेणी में तो शामिल किया है, लेकिन इस पर यात्री सुविधा और सुरक्षा नाम की कोई चीज नहीं है। मेरठ सिटी स्टेशन पर जीआरपी और आरपीएफ थाना है। दोनों थानों का क्षेत्र नया गाजियाबाद से लेकर सकौती तक है। लेकिन कैंट स्टेशन पर दोनों फोर्स की चौकी तक नहीं है।
रविवार को कोचुवेली-देहरादून एक्सप्रेस के जनरल कोच में घटी सनसनीखेज घटना कैंट स्टेशन से चंद कदम पहले कासमपुर फाटक पर हुई। वारदात को अंजाम देकर आरोपी चेन पुलिंग करके निकल भागे। इस ट्रेन का स्टेशन पर स्टॉपेज नहीं है। सहमे यात्रियों ने स्टेशन पर ट्रेन को चेन पुलिंग के जरिये रुकवाया।
वारदात की सूचना पर पहुंचे रेल कर्मियों ने घायलों को कोच से बाहर निकाला और जीआरपी व आरपीएफ थाने को सूचना दी। यात्रियों का कहना था कि अगर स्टेशन पर चौकी होती तो आरोपियों को आसानी से पकड़ा जा सकता था।
रेल कर्मियों ने बताया कि घायलों को जिला अस्पताल ले जाने के लिए उन्होंने 108 एंबुलेंस को फोन कर सूचना दी थी, लेकिन काफी देर तक इंतजार करने पर भी एंबुलेंस नहीं पहुंची। इसके बाद कर्मचारियों ने स्टेशन के बाहर खड़े होने वाले टेंपो से घायलों को जिला अस्पताल पहुंचाया। जीआरपी और आरपीएफ अधिकारी भी जिला अस्पताल में ही पहुंचे। इसके बाद ही घटना स्थल पर पहुंचकर वारदात का जायजा लिया।
कोचुवेली-देहरादून एक्सप्रेस में दुस्साहसिक वारदात के बाद रेलवे प्रशासन चेता। फोर्स को न केवल अलर्ट रहने का मेसेज फ्लैश कर दिया गया, बल्कि आरपीएफ व जीआरपी के उच्चाधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। दोनों अधिकारियों ने मामले की जानकारी ली। स्टेशनों से गुजरने वाली ट्रेनों के जनरल कोच की विशेष रूप से तलाशी ली गई। सिविल पुलिस ने भी स्टेशन के रास्तों पर नाकाबंदी कर तलाशी अभियान चलाया।
चलती ट्रेन में चाकूबाजी और कत्ल की सूचना से दिल्ली तक हड़कंप मच गया। जिसके बाद एसपी जीआरपी वैभव कृष्ण मुरादाबाद से और सीओ आरपीएफ गाजियाबाद से तुरंत पहुंचे। दोनों अधिकारियों ने अपने-अपने विभागीय थाना प्रभारियों से मामले की जानकारी की। एसपी जीआरपी ने मेडिकल अस्पताल पहुंचकर घायलों से पूछताछ की। वहीं, सिटी स्टेशन पर जीआरपी व आरपीएफ जवानों की गश्त बढ़ा दी गई। विशेषकर ट्रेनों के जनरल कोच में संदिग्धों से पूछताछ की गई। एसओ जीआरपी अशोक कुमार वर्मा ने बताया कि आरोपियों को पकड़ने के लिए पूरी कोशिश की जा रही हैं।
सिटी, कैंट स्टेशन पर नहीं तीसरी आंख
ए श्रेणी में शामिल मेरठ व कैंट स्टेशन पर सीसीटीवी कैमरे तक नहीं लगे हैं। कई बार सीसीटीवी कैमरे लगाने की घोषणा हो चुकी है, लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं हो सकी है। भाजपा सांसद चालू हुई ट्रेनों को तो हरी झंडी दिखा रहे हैं, लेकिन सुरक्षा के लिए सबसे जरूरी सीसीटीवी कैमरे और यात्री सुविधा पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। स्टेशन पर अगर सीसीटीवी कैमरे होते तो सिटी स्टेशन से ट्रेन में चढ़ने वाले आरोपियों को चिह्नित किया जा सकता था।
सिटी स्टेशन से सभी दलों के जनप्रतिनिधि ट्रेन से यात्रा करते हैं, लेकिन किसी भी जनप्रतिनिधि ने स्टेशन पर यात्री सुविधा और सुरक्षा के लिए आज तक कुछ नहीं किया। किसी भी जनप्रतिनिधि ने इस संबंध में धरना-प्रदर्शन भी नहीं किया। घटना से गुस्साए यात्रियों का कहना था कि भाजपा नेता ट्रेनों को तो हरी झंडी दिखा रहे हैं लेकिन स्टेशनों की दुश्वारियों को खत्म नहीं करा रहे हैं। दोनों स्टेशनों पर यात्री सुविधा और सुरक्षा की भारी कमी है। इस पर किसी का कोई ध्यान नहीं है। उसके आने की बजाय मौत की खबर आई।