मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा है कि महाराष्ट्र को बचाने के लिए शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे / यूबीटी) कांग्रेस और एनसीपी (शरद पवार / एसपी) की तरफ से सीएम के रूप में घोषित किए जाने वाले किसी भी चेहरे का समर्थन करेगी। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए दावा कि सरकार विज्ञापनों की मदद से महाराष्ट्र में फर्जी और गलत खबरें प्रसारित करा रही है। बता दें कि इसी साल के अंत में महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव कराए जा सकते हैं। चुनाव आयोग की टीम प्रदेश का दौरा कर सभी घटकों से उनकी राय ले चुकी है। विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने से पहले यानी दिसंबर महीने से पहले ही चुनाव प्रक्रिया पूरी कराई जानी है। ऐसे में राज्य की सियासी सरगर्मियां काफी तेज हैं।
देश की तीसरी सबसे बड़ी विधानसभा में सियासी समीकरण
महाराष्ट्र में इस बार सियासी मुकाबला बेहद दिलचस्प होने के आसार हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि लगभग 25 महीने पहले जून, 2022 में महाविकास अघाड़ी (MVA) सरकार गिरी थी। इसके बाद भाजपा समर्थित सरकार बनी। शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के दो-फाड़ होने के बाद राज्य में पहली बार विधानसभा चुनाव होंगे। महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में फिलहाल राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की सरकार के पास 202 विधायकों का समर्थन है। 102 विधायकों के साथ भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है। अजीत पवार की अगुवाई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के 40 विधायक हैं। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के 18 विधायक हैं। 14 निर्दलीय विधायकों ने भी एनडीए सरकार को समर्थन दिया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सरकार को पांच अन्य छोटे दलों का समर्थन भी हासिल है।
महाराष्ट्र में विपक्षी खेमा कितना मजबूत
इसके अलावा विपक्षी खेमे (महाविकास अघाड़ी- MVA) में कुल 71 विधायक हैं। विपक्ष में कांग्रेस 37 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है। इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना के 16 विधायक हैं। वरिष्ठ राजनेता शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP-SP) के 12 विधायक हैं। समाजवादी पार्टी के दो, सीपीआईएम और पीडब्लूपीआई के एक-एक विधायक हैं। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के दो विधायक भी विपक्षी खेमे में हैं। 15 विधानसभा सीटें खाली हैं।