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दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020ः AAP-कांग्रेस को अकेले ही टक्कर देगी भाजपा

नई दिल्ली । गोरखपुर, फूलपुर और उसके बाद कैराना में विपक्षी दलों की एकता की वजह से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को चुनावी रण में पराजय का सामना करना पड़ा है। इससे विपक्ष उत्साहित है और यह कयास लगाए जाने लगे हैं कि दिल्ली में भी भाजपा को मात देने के लिए आम आदमी पार्टी (AAP) व कांग्रेस हाथ मिला सकती हैं। इसको लेकर AAP नेताओं ने ट्वीट भी किए हैं। हालांकि, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन ने इस तरह की किसी संभावना को खारिज किया है। बावजूद इसके भाजपा संभावित सियासी गठजोड़ पर पैनी नजर रखे हुए है। कारगर रणनीति तैयार करने पर मंथन भी तेज हो गया है।

दिल्ली भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का कहना है अगर दोनों दल हाथ मिलाते हैं तो उन्हें आश्चर्य नहीं होगा। इससे वह परेशान भी नहीं है, क्योंकि इस गठबंधन से उसे सियासी नुकसान नहीं होगा। कांग्रेस से नाउम्मीद उसके परंपरागत समर्थक पिछले चुनावों में AAP के साथ खड़े थे जो अब उससे भी निराश व नाराज हैं। ऐसे में यदि दोनों दल साथ आते हैं तो इसका सीधा लाभ भाजपा को मिलेगा।

पार्टी रणनीतिकारों का मानना है कि AAP से नाराज वोटरों के लिए दिल्ली में एकमात्र विकल्प तब भाजपा ही रह जाएगी। कांग्रेस के जो समर्थक अगले चुनाव में आप से दूरी बनाएंगे वह भी भाजपा के साथ खड़े होंगे। इन सियासी संभावनाओं को ध्यान में रखकर पार्टी के थिंक टैंक कारगर रणनीति तैयार करने में जुट गए हैं, जिससे कि अगले लोकसभा चुनाव में फिर से सभी सातों सीटों पर कब्जा जमाया जा सके।