मेरठ: मेरठ के सरूरपुर से नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) के महकार को हिरासत में ले जाने के बाद खिवाई कस्बे में कई तरह की चर्चाएं हैं। कस्बे के लोगों ने बताया कि करीब 15 दिन पहले एक संदिग्ध व्यक्ति उससे मिलने मस्जिद में पहुंचा था। इस दौरान उसने बतौर उपहार कुछ कपड़े व अन्य सामान महकार को दिया था। महकार ने उसे मस्जिद में आने के लिए कहा तो उसने इनकार कर दिया था।
बड़ी मस्जिद में सफाईकर्मी है महकार सिंह
महकार पिछले दो साल से कस्बे की बड़ी मस्जिद में मोअज्जिन के रूप में सफाई व देखरेख का कार्य कर रहा है। इससे पहले उसके पिता जमशेद भी मस्जिद में मोअज्जिन थे। शनिवार सुबह करीब चार बजे एनआईए लखनऊ के डिप्टी एसपी संजय कुमार सिंह, एनआईए दिल्ली के एएसआई नरेंद्र सिंह, एनआईए चंडीगढ़ के हेड कांस्टेबल संजय कुमार और कांस्टेबल कवलप्रीत सिंह, दो महिला कांस्टेबल और तहसील लेखपाल के साथ महकार के घर पर पहुंची।
खटखटाने पर नहीं खुला तो दरवाजा तोड़कर अंदर घुसी एनआईए की टीम
दरवाजा नहीं खोलने पर टीम तोड़कर अंदर घुस गई। यहां इमरान व बाबू को पकड़कर उनके भाई महकार के बारे में पूछा। उन्होंने बताया कि महकार कस्बे बड़ी मस्जिद में मोअज्जिन है, फिलहाल वहीं सोया हुआ है। टीम वहां से महकार को हिरासत में लेकर उसके घर आ गई। महकार के बाद कस्बे के ही फैजान और मुस्तफा से पूछताछ करने के बाद महकार को टीम अपने साथ ले गई।
बेटे को गलत तरीके से फंसाया जा रहा है: आशिया
कस्बा खिवाई में एनआईए की छापामार कार्रवाई से अफरातफरी मच गई। महकार को हिरासत में लिए जाने के बाद उसकी मां आशिया ने कहा कि मेरा बेटा सीधा-साधा है। वह मजदूरी करके और मस्जिद में झाड़ू-पोछा करके जीवन यापन कर रहा है। वह कोई गलत काम नहीं कर सकता। उसे किसी ने लालच देकर गलत तरीके से फंसाया है। फैजान के परिजनों का कहना कि वह घर पर रहकर ही कपड़े सिलाई का काम करता है।
पाकिस्तान से जुड़ रहा कनेक्शन
आतंकी कनेक्शन जुड़ने की आशंका से परिवार वाले परेशान और आहत हैं। बताया कि फैजान ने कभी भी मोबाइल नहीं चलाया। उसे जान-बूझकर फंसाया जा रहा है। महकार सात भाई इमरान, बाबू, महकार, महाराज, जुबैर, जिनमें नूर आलम, सुहेब दृष्टिहीन हैं। महकार के पिता जमशेद का छह साल पहले इंतकाल हो चुका है। घर में मां आशिया और एक बहन सोफिया है। दो भाई इमरान व बाबू की शादी हो चुकी है।