अमरावती: आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर में प्रसादम मामले में एसआईटी जांच तीन अक्तूबर तक के लिए स्थगित कर दी गई है। दरअसल, इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है। एसआईटी का गठन तिरुपति लड्डू प्रसादम मामले की जांच के लिए किया गया था। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी), द्वारका तिरुमाला राव ने बताया कि यह निलंबन जांच की अखंडता सुनिश्चित करने के लिए एक एहतियाती कदम है। बता दें कि तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में पशु चर्बी की पुष्टि होने के बाद से ही यह मंदिर विवादों में है। मंगलवार को मंदिर में सफाई अनुष्ठान कोइल अलवर तिरुमंजनम धार्मिक उत्साह के साथ किया गया। मंदिर के बाहर मीडिया से बात करते हुए टीटीडी ईओ जे. श्यामला राव ने कहा कि तिरुमंजनम 4 से 12 अक्टूबर तक होने वाले वार्षिक ब्रह्मोत्सव के मद्देनजर किया गया था।
जे. श्यामला राव ने कहा, “तिरुमंजनम 4 से 12 अक्तूबर तक होने वाले वार्षिक ब्रह्मोत्सव के मद्देनजर किया गया था। आमतौर पर यह तिरुमाला मंदिर में तेलुगु उगादि, अनिवारा अस्थानम, वार्षिक ब्रह्मोत्सव और वैकुंठ एकादसी से पहले एक साल में चार बार मनाया जाता है।” इस अनुष्ठान के दौरान पूरे मंदिर के साथ देवता और पूजा के बर्तनों की सफाई की जाती है। छत, दीवारों और मंदिर परिसर में परमलम नामक एक सुगंधित मिश्रण डाला जाता है। यह कार्य सुबह के छह बजे से 10 बजे तक किया जाता है। इस दौरान मुख्य देवता को सफेद पर्दे से ढक दिया जाता है और सफाई कार्यक्रम खत्म होने के बाद पर्दा हटाया जाता है।
सफाई कार्यक्रम के बाद देवताओं को पूजा जाता है। 12 बजे के बाद भक्तों को दर्शन की अनुमति दी जाती है। कोइल अलवर तिरुमंजनम के मद्देनजर टीटीडी ने मंगलवार को अस्तादाला पद पद्माराधना वीआईपी ब्रेक रद्द कर दिया। टीटीडी के अतिरिक्त ईओ वेंकैया चौधरी, एचईओ (एच एंड ई) गौतमी, सीवीएसओ श्रीधर, डीईईओ लोकनाथम, पेशकर रामकृष्ण और अन्य अधिकारी भी मंदिर में उपस्थित थे।