Thursday , November 7 2024
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‘क्या संघ प्रमुख दूसरे दलों को तोड़ने वाली भाजपा के हिंदुत्व से सहमत?’, उद्धव का भागवत से सवाल

रामटेक : शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने रविवार को भाजपा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने दावा किया कि बंद कमरे में हुई एक बैठक में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को विपक्षी खेमे में सेंध लगाने और उद्धव ठाकरे और राकांपा (शरदचंद्र पवार) नेता शरद पवार को निशाना बनाने का निर्देश दिया गया था। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मोहन भागवत जी, क्या आप भाजपा के हिंदुत्व से सहमत हैं? इस भाजपा में गुंडे आ रहे हैं, भ्रष्ट लोग आ रहे हैं। क्या आप इससे सहमत हैं? अमित शाह मुझे और शरद पवार को खत्म करने आ रहे हैं, क्या आप हमें खत्म होने देंगे?

उन्होंने कहा कि मुझे मेरे लोग ही खत्म कर सकते हैं, अमित शाह नहीं। अगर मेरे लोग मुझे घर बैठने को कहेंगे तो मैं घर बैठ जाऊंगा, लेकिन अगर दिल्ली से कोई मुझे घर बैठने को कहेगा तो मेरे लोग उसे घर बैठा देंगे। हमारी सरकार आने के बाद मैं महाराष्ट्र में चल रही लूट को बंद कर दूंगा। सब कुछ गुजरात में है। जब मैं सीएम था, क्या आपने एक भी खबर सुनी कि यहां से कोई प्रोजेक्ट गुजरात गया? पिछले ढाई साल में जब से शिंदे वहां गए हैं, कितने सारे उद्योग गुजरात चले गए हैं। सब कुछ गुजरात ले जाया जा रहा है। मुंबई का आर्थिक केंद्र भी गुजरात ले जाया गया है। हम सिर्फ सत्ता के लिए नहीं लड़ रहे हैं, बल्कि हमारी लड़ाई महाराष्ट्र की लूट के खिलाफ है।

पूर्वी महाराष्ट्र के रामटेक शहर में छत्रपति शिवाजी महाराज की एक आदमकद प्रतिमा का अनावरण करने के बाद ठाकरे ने कहा कि हाल ही में नागपुर के अपने दौरे के दौरान अमित शाह ने भाजपा नेताओं के साथ बंद कमरे में एक बैठक की थी, जिसमें उन्होंने उनसे विपक्षी दलों के नेताओं में फूट डालने और मुझे तथा शरद पवार को राजनीतिक रूप से रोकने के लिए कहा था। बंद कमरे में क्यों बोलें? उन्हें यह बात लोगों के सामने कहनी चाहिए।

उन्होंने आरोप लगाया कि शाह उद्धव ठाकरे और शरद पवार को राजनीतिक रूप से क्यों खत्म करना चाहते हैं…ताकि भाजपा महाराष्ट्र को लूट सके। ठाकरे ने कहा कि भाजपा ने 2014 में शिवसेना के साथ अपना तीन दशक पुराना गठबंधन तोड़ दिया था। हालांकि, शिवसेना 63 सीट जीतने में सफल रही। ठाकरे ने सवाल किया कि कि क्या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत भाजपा के हिंदुत्व से सहमत हैं, जिसमें अन्य दलों को तोड़ना और (विपक्षी नेताओं को) अपने पाले में लाना शामिल है।